यदि आप टाटा स्काई, डिश टीवी, एयरटेल टीवी जैसी डीटीएच सेवा ले रहे हैं तो इसके लिए आपको अतिरिक्त मशक्कत करनी पड़गी। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राइ की तरफ से इस संबंध में डीटीएस सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए नई सिफारिशें की गई हैं।

ट्राइ ने डीटीएच सर्विस उपलब्ध कराने वाले ऑपरेटरों से सेट टॉप बॉक्स का ‘केवाईसी’ की सिफारिश की है। इसके तहत अब डीटीएस सेवा देने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि सेटटॉप बॉक्स लगाने के साथ ही ग्राहक के एड्रेस की पुष्टि करना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त कंपनी को लगाए गए कनेक्शन का रिकॉर्ड भी रखना होगा।

यदि किसी मामले में सबस्क्राइबर या कॉर्पोरेट संस्था की तरफ से मोबाइल नंबर उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो ट्राइ ने इस स्थिति में डीटीएच ऑपरेटर को पहचान पत्र या कोई ऐसा अन्य डॉक्यूमेंट लेने को कहा है जिससे कि सब्सक्राइबर को डीटीएच कनेक्शन देने से पहले उसकी ऑफलाइन या ऑनलाइन पहचान सुनिश्चित की जा सके।

दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने कहा कि नियमित अंतराल पर घर जाकर सब्सक्राइबर का वेरिफिकेशन करना अनिवार्य नहीं है क्योंकि इससे डीटीएच सर्विस देने वाली कंपनियों पर अतिरिक्त खर्च का भार पड़ेगा। साथ ही ग्राहकों को भी असुविधा का सामना करना पड़ेगा।

ट्राइ की तरफ से कहा गया है कि मौजूदा सेट टॉप बॉक्स जो किसी मोबाइल नंबर के साथ नहीं जुड़े हैं, उन कनेक्शन को मोबाइल नंबर से जोड़ने के लिए डीटीएस सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां प्रयास करें। इसके लिए दो साल का समय दिया गया है। हालांकि, इन सिफारिशों में कहा गया है कि डीटीएच ऑपरेटरों को इसमें लोकेशन आधारित सेवाओं वाले सेटअप बॉक्स को शामिल करने की जरूरत नहीं है।

मालूम को कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने दिसंबर 2018 में सबसे पहले इस संबंध में सिफारिशें मांगी थीं। इसके बाद ट्राइ ने 19 जुलाई 2019 को इस संबंध में एक कन्सल्टेशन पेपर जारी किया था। इसमें विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से उनकी राय मांगी गई थी। इस सब पर विचार विमर्श के बाद ट्राइ ने अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दिया है।