Supermoon 2024 Date and Time: क्या आपको पता है कि सुपरमून क्या होता है? जब हमें आसमान में दिखने वाले सामान्य से ज्यादा बड़ा और चमकदार चांद दिखता है तो इसे Supermoon कहा जाता है। जब पूर्ण चन्द्रमा अपनी परिक्रमा के दौरान पृथ्वी के सबसे निकटतम बिंदु पर होता है, तो वह बड़ा और चमकीला दिखाई देता है, जिसे सामान्यतः ‘सुपरमून’ के नाम से जाना जाता है। क्या आपको पता है कि अगला सुपरमून कब है?
जानकारी के मुताबिक, भारत में अगला सुपरमून 19 अगस्त को भारतीय समयानुसार रात 11 बजकर 56 मिनट पर लगेगा। साल 2024 में लगने वाला यह पहला सुपरमून है। दिलचस्प बात यह है कि पिछला सुपरमून एक दुर्लभ घटना थी क्योंकि यह ब्लू मून के साथ दिखा था और 30 अगस्त, 2023 की पूर्णिमा पर लगा था। यह सुपरमून इसलिए भी दुर्लभ था कि ऐसा दोबारा अब 2037 तक नहीं होगा।
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2024 का पहला सुपरमून (first supermoon of 2024)
Space.com के मुताबिक, ग्रहण एक्सपर्ट और पूर्व NASA खगोलशास्त्री Fred Espanak ने दावा किया है कि 2024 में चार सुपरमून होंगे। ये सुपरमून अगस्त, सितंबर, अक्तूबर और नवंबर में दिखाई देंगे। Espanak के मुताबिक, पूर्ण चंद्रमा के तौर पर सुपरमून सामान्य की अपेक्षा पृथ्वी के 90 प्रतिशत तक ज्यादा करीब होगा। उनके दावों के मुताबिक, 2024 में सबसे ज्यादा बड़ा सुपरमून 17 अक्तूबर को शाम 4 बजकर 56 मिनट पर होगा।
सुपरमून | समय |
पहला सुपरमून | अगस्त |
दूसरा सुपरमून | सितंबर |
तीसरा सुपरमून | अक्टूबर |
चौथा सुपरमून | नवंबर |
बता दें कि सुपरमून आमतौर पर काफी सामान्य घटना है और एक साल में तीन से चार सुपरमून तक हो सकते हैं। हालांकि, दुनिया को सुपरमून के बारे में पिछले चार दशक पहले ही पता चला है और साल 2016 में एक साथ लगातार तीन सुपरमून होने के बाद इसे लेकर लोगों में दिलचस्पी बढ़ गई।
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क्यों लगता है सुपरमून?
पृथ्वी के चारों तरफ चंद्रमा की कक्षा एकदम पर्फेक्ट गोल नहीं है और यह करीब 3,82,900 किलोमीटर दूर है। और इसका निकटतम व दूरतम बिंदु हर महीने, पृथ्वी, सूर्य और दूसरे ग्रहों से मिलने वाले गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से अलग-अलग होते हैं। NASA के Noah Petro ने space.com के साथ एक इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि इन गुरुत्वाकर्ष फोर्सेज की वजह से ही चंद्रमा की कक्षा अनियमित है। एक सुपरमून के लिए चंद्रमा को अपने 27 दिन की कक्षा में सबसे निकटतम बिंदु पर होना जरूरी होता है और यह सूर्य से पूरी तपब से प्रकाशित होता है। ऐसा हर 29.5 दिनों में होता है। यह जुगलबंदी दुर्लभ है और साल में कुछएक बार ह होती है क्योंकि चंद्रमा की चाल बदलती रहती है क्योंकि पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती रहती है और इसी वजह से सुपरमून होता है।
Supermoon के दौरान, चंद्रमा अपने सामान्य आकार से 14 प्रतिशत ज्यादा बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकदार दिखाई देता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी विशेष उपकरण जैसे स्पेशल ग्लासेज के बिना नंगी आंखों से फर्क कर पाना मुश्किल होता है।