Sunita Williams Return on Earth: बोइंग के नए स्टारलाइनर को जून में सुनीता विलियम्स और बैरी बुश विलमोर के साथ पहली टेस्टिंग के लिए अंतरिक्ष में भेजा गया था। इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को एक हफ्ते के भीतर ही पृथ्वी पर वापस लौटना था। हालांकि, International Space Station (ISS) पर उतरते ही स्टारलाइनर कैपसूल में थ्रस्टर फेल्यर और हीलियम लीक जैसी खामियां आ गईं। इन खामियों के चलते दोनों एस्ट्रोनॉट्स की धरती पर वापसी को टाल दिया गया और अब दोनों की जल्द वापसी की उम्मीद भी टूटती जा रही है।

जानकारी के मुताबिक, NASA अब इन दोनों एस्ट्रोनॉट्स को वापस लाने के लिए एक नए विकल्प के तौर पर SpaceX Dragon कैपसूल को इस्तेमाल करने के बारे में सोच रही है। स्पेसएक्स ड्रैगन एक टेस्टेड रीयूजेबल स्पेसक्राफ्ट है। इसका मतलब है कि कम से कम फरवरी 2025 तक सुनीता विलियम्स और विलमोर को ISS पर रहना पड़ सकता है। क्योंकि Dragon का अगला मिशन पोस्टपोन किया जा चुका था।

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अब इस मिशन की जो स्थिति है, उसके बारे में कई चिंताजनक सवाल खड़े हो रहे हैं। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत भी एक बड़ा मसला है। इसके अलावा क्या अगले 6 महीनों के लिए ISS पर इन दोनों एस्ट्रोनॉट के लिए किस तरह की तैयारियां हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ISS पर लंबे एक्सपोजर से लेकर माइक्रोग्रेविटी तक, सुनीता विलियम्स और बुश विलमोर को कई हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे बोन डेनसिटी की कमी, आंखों की रोशनी से जुड़ी समस्या और DNA डैमेज होने के चलते कैंसर होने जैसे बड़े खतरे हो सकते हैं। आपको बता दें कि इन्हीं सभी कारणों के चलते स्पेस एक्सप्लोरेशन मिशन को कम अवधि का रखा जाता है।

6 महीनों तक अंतरिक्ष यात्रियों के रुकने के लिए ISS कितना सक्षम?

6 महीने तक अंतरिक्ष यात्रियों के रुकने के लिए ISS कितना सक्षम है? इस सवाल का जवाब हां है। आपको बता दें कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन इन एस्ट्रोनॉट की सभी जरूरतों के लिए निःसंदेह हर तरह से सक्षम है। ISS एक बड़ी स्पेस फैसिलिटी है और इसकी लंबाई 356फीट या 109 मीटर है यानी करीब एक अमेरिकन फुटबॉल स्टेडियम के बराबर। यहां का लिविंग और वर्किंग एरिया भी 6-बेडरूम जितने एक घर के बराबर है।

फिलहाल, ISS पर सुनीता विलियम्स और विलमोर के अलावा 7 और अंतरिक्ष यात्री हैं। स्पेस स्टेशन पर 4 अमेरिका और 3 रूस के यात्री और हैं।

ISS पर ऑक्सीजन-जेनरेशन यूनिट हैं, जो एस्ट्रोनॉट की सांसों से निकलने वाली ऑक्सीजन को इकट्ठा करने में सक्षम है। बात करें पानी की तो ISS पर एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिससे स्पेस में मॉइस्चर को इकट्ठा करके उसे पानी में तब्दील कर दिया जाता है। इसके अलावा एक ऐसा उपकरण भी वहां है जो यूरीन को प्योरिफाई करके पेय जल में तब्दील कर देता है।

बता दें कि फिलहाल ISS पर अंतरिक्ष यात्रियों की मौजूदा जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त राशन है और ISS पर सप्लाई होने वाले सभी फूड आइटम को खासतौर पर हॉस्टन स्थित NASA के स्पेस फूड सिस्टम्स लैबोरेटरी (Space Food Systems Laboratory) में सभी
पोषण संबंधी आवश्यकताएं और भूख को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है।

आईएसएस में उपलब्ध भोजन की बात करें तो इसमें बारबेक्यूड बीफ ब्रिस्केट, सब्जियां, अंडे और यहां तक ​​​​कि मिठाई जैसी पसंदीदा आइटम शामिल हैं। हाल ही में 6 अगस्त को Northrop Grumman Cygnus NG-21 कार्गो स्पेसक्राफ्ट द्वारा रीफिल किया गया था जिसमें भोजन के अलावा दूसरी जरूरी चीजें जैसे कपड़े आदि शामिल थे।

फिलहाल विलियम्स और विलमोर के सामने खाने, कपड़े या दूसरी बेसिक जरूरतों की चीजों की कोई कमी नहीं है। लेकिन उनकी धरती पर वापसी फिलहाल अनिश्चित जरूर है।