रिलायंस जियो और मौजूदा अन्य दूर संचार कंपनियों के बीच ‘पॉइंट ऑफ इंटरकनेक्शन’ के मुद्दे पर छिड़े विवाद के बीच आदित्य बिड़ला ग्रुप की आइडिया सेल्यूलर ने जियो को 230 प्रतिशत अतिरिक्त इंटरकनेक्शन क्षमता उपलब्ध कराने के लिए हामी भरी है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आइडिया और जियो के बीच अब 2,100 से ज्यादा पोर्ट उपलब्ध होंगे। इससे रिलायंस जिओ को भविष्य में काफी अतिरिक्त क्षमता प्राप्त हो जाएगी। हालांकि, जियो इससे संतुष्ट नहीं है। कंपनी ने आइडिया-जियो नेटवर्क के बीच रोजाना चार करोड़ कॉल्स ड्रॉप होने की बात कही है।

कॉल ड्रॉप को लेकर जियो की ओर से अन्य दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ शिकायत के बाद ट्राई ने टेलीकॉम ऑपरेटरों को कार्रवाई की चेतावनी दी थी। ट्राई द्वारा अपर्याप्त इंटरकनेक्टिविटी पॉइंट उपलब्ध कराने पर सेवा गुणवत्ता नियमों के उल्लंघन के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दिए जाने के महज एक दिन बाद ही आइडिया ने एक बयान में कहा कि ग्राहकों को अच्छी गुणवत्ता की सेवा उपलब्ध कराना उसकी ‘शीर्ष प्राथमिकता’ में शामिल है।

आइडिया की ओर से बताया गया कि कंपनी ने इस मुद्दे के समाधान के लिए रिलायंस जियो को वार्ता के लिए आमंत्रित किया है और दोनों नेवर्क्स के बीच पोर्ट की संख्या 565 से बढ़ाकर 1865 करने का प्रस्ताव किया है। इसी के साथ नेशनल लांग डिस्टेंस (एनएलडी) क्षमता का भी विस्तार किया जा रहा है। गौरतलब है कि पॉइंट ऑफ इंटरकनेक्ट के माध्यम से ही एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर आपस में कॉल जुड़ सकती है। रिलांयस जियो का आइडिया के आलावा एयरटेल और वोडाफोन नेटवर्क पर रोजाना 12 करोड़ कॉल्स ड्रॉप हो रहीं हैं।

गौरतलब है कि जियो ने ट्राई से शिकायत की थी कि उसे तत्‍काल प्रभाव से 4,000 से 5,000 POIs की जरूरत है लेकिन तमाम ऑपरेटर्स ने इस मुद्दे का निपटारा करने के मामले में अपना ‘असली इरादा’ जाहिर नहीं किया है। जियो ने कहा, ‘कई बार लगातार याद दिलाने और द्व‍िपक्षीय बैठकों के बावजूद, पिछले 15 दिनों के दौरान मौजूदा ऑपरेटर्स की तरफ से शायद ही किसी नए इंटरकनेक्‍शन कपैसिटी की शुरुआत की गई है।’ जियो ने अपनी शिकायत में कहा था कि ऐसा नहीं होने की वजह से उसे हर दिन 10 करोड़ कॉल ड्रॉप्‍स की समस्‍या से दो-चार होना पड़ रहा है।

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