स्मार्टफोन की बैटरी साइंस के मुताबिक कब और कैसे चार्ज करनी चाहिए आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे। दरअसल लोगों में ऐसी धारणा बनी हुई है कि स्मार्टफोन की बैटरी को तभी चार्ज करना चाहिए जब वह बिलकुल खत्म होने वाली हो। बार बार चार्ज करने से फोन की बैटरी खराब हो जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपके स्मार्टफोन की बैटरी लंबे समय तक ज्यादा बैकअप दे, तो इसके लिए आपको कुछ चीजें बदलनी होंगी। बैटरी यूनिवर्सिटी के मुताबिक फोन की बैटरी फुल चार्ज होने के बाद उसे चार्जिंग पर नहीं लगे रहने देना चाहिए। यह बैटरी की लॉन्ग लाइफ के लिए खतरनाक होता है। एक बार फोन फुल चार्ज होने के बाद उसे पावर में लगे रहने देने से यह बैटरी हाई स्ट्रेस में ले जाता है, जिसका बैटरी को बैकअप पर सीधा असर पड़ता है।

बैटरी यूनिवर्सिटी के मुताबिक फोन की बैटरी को फुल चार्ज न करें। Li-ion बैटरीज को फुल चार्ज नहीं करना चाहिए। बैटरी को फुल चार्ज करने का सीधा असर इसकी परफोर्मेंस पर पड़ता है। बैटरी को 90 फीसदी तक चार्ज करें। अगर बैटरी वीक होती है तो फोन की बैटरी को आप कभी भी कहीं भी चार्ज कर सकते हैं। आप अपने फोन की बैटरी को 10% वीक होने के बाद चार्ज करते हैं तो यह उसके लिए अच्छा होगा। इससे बैटरी बैकअप अच्छा रहेगा। स्मार्टफोन को ठंडा रखने की कोशिश करें। स्मार्टफोन पर फालतू के कवर न लगाएं। अगर फोन गर्म होता है तो इसका सीधा असर बैटरी पर पड़ता है।

मोबाइल फोन यूएसबी पोर्ट की बजाय बिजली से ज्यादा जल्दी चार्ज होता। उदाहरण के लिए ऐपल फोन के लिए कंपनी का सुझाव होता है कि मोबाइल को फोन एडेप्टर के साथ मिले यूएसबी केबल के जरिये बिजली के पॉइन्ट से चार्ज करें। सभी चार्जर एक जैसे नहीं होते, भले ही ऐसे लगते हों। सबसे अच्छा ये होता है कि हमेशा कंपनी के चार्जर का ही इस्तेमाल करें, जो सुरक्षित तरीके से सबसे अच्छे परिणाम देता है। वास्तव में अनधिकृत चार्जर के इस्तेमाल से समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। यहां तक कि फोन अच्छी तरह से चार्ज होना बंद हो सकता है या देर से चार्ज होगा।