साल 2022 में जब एलन मस्क ने ट्विटर (अब X) को खरीदा था, तब पराग अग्रवाल ने अचानक सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया और कुछ नया करने के लिए कंपनी छोड़ दी। अब तीन साल बाद पराग अग्रवाल एक नए उद्यम के साथ वापस आ गए हैं। इस बार उनका फोकस AI पर है।

पराग अग्रवाल के इस नए वेंचर का नाम ‘पैरेलल वेब सिस्टम’ है। उनके इस स्टार्ट अप का उद्देश्य ऐसे उपकरण और बुनियादी ढांचा बनाना है, जो एआई सिस्टम को वास्तविक समय में खुले वेब के साथ इंटरैक्ट करने में सक्षम बनाए। यह वेब-स्तरीय बुनियादी ढांचा विशेष रूप से एआई एजेंटों द्वारा प्रस्तुत जानकारी को प्राप्त करने, सत्यापित करने और व्यवस्थित करने के लिए तैयार किया गया है।

पैरलल के CEO पराग अग्रवाल की कंंपनी की तरफ से जानकारी दी गई, “AI वेब का इस्तेमाल इंसानों से कहीं ज़्यादा करेगी। हम कृत्रिम AI को चाहे जितना भी मानवीय रूप दें, वे वेब पर इंसानों से अलग तरीके से काम करती हैं। […] पैरेलल में, हम वेब के दूसरे उपयोगकर्ता के लिए निर्माण कर रहे हैं। हम AI के लिए ऐसे सिस्टम और बुनियादी ढांचा तैयार कर रहे हैं जिससे वे कठिन काम को पूरा करने के लिए वेब का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें।”

पराग अग्रवाल ने कहा, “आगे चलकर एजेंट इंटरनेट के मुख्य ग्राहक होंगे। वे इंटरनेट का इस्तेमाल इंसानों से कहीं ज्यादा करेंगे।”

Parallel की रिसर्च APIs बेहद खास

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पैरलल की की प्रोडक्ट सीरीज में लो ललेवल में सर्च टूल्स और डीप रिसर्च APIs शामिल हैं, जो AI एजेंट्स की मदद से इंटरनेट पर घंटों का काम कुछ ही मिनटों में कर देती हैं। कंपनी का दावा है कि उसकी डीप रिसर्च APIs कठिन वेब सर्च और रिसर्च से जुड़े कामों में दुनिया के बड़े AI मॉडल्स, जैसे OpenAI का GPT-5, से बेहतर प्रदर्शन करती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ओपन एआई के BrowseComp टेस्ट में Parallel की डीप रिसर्च APIs ने 58% सटीकता हासिल की। वहीं GPT-5 की सटीकता 41% रही। टेस्ट में हिस्सा लेने वाले लोगों को 2 घंटे का समय दिया गया था, वे सिर्फ 25% सटीकता तक पहुंच पाए।

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