देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) को अब तक के सबसे टेक्नो सेवी जज के रूप में जाना जाता है। मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने सभी संविधान पीठ में होने वाली सुनवाई को पेपरलेस कर दिया था। बता दें कि पिछले हफ्ते (16 फरवरी 2023) को ही सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल का 100वां दिन पूरा किया। सबसे खास बात है कि CJI ने इन तीन महीनों के दौरान सुप्रीम कोर्ट में 14 हजार से ज्यादा मामले निपटाए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में अब रजिस्ट्री का काम भी पूरी तरह से पेपरलेस हो गया है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) धनंजय वाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट में डिजिटल क्रान्ति लाने के लिए बड़े फैसले ले रहे हैं। इसके साथ दूसरे जजों को नई टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करना भी सिखा रहे हैं। सीजेआई, दूसरे जजों को अपनी डिवाइस में केस फाइल और पुराने फैसलों को ऑनलाइन एक्सेस करने में भी मदद कर रहे हैं। हाल ही में जस्टिस एमआर शाह ने इस बात को स्वीकार करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ को अपना मेंटॉर (गुरू) बताया। उन्होंने कहा था, ‘उन्होंने मुझे टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करने पर जोर दिया और मुझे टेक्नोलॉजिकल एडवांस भी बनाया। अगर आप समय के साथ नहीं बदलते हैं तो आप तरक्की नहीं कर सकते। कोई भी पुराने तरीकों पर अड़ा नहीं रह सकता।’
देशभर की अदालतों में खुल रहे हैं ई-सेवा केंद्र
सीजेआई डीवाई चंद्रचूण ने हाल ही में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति ने कॉमन सर्विस सेंटर कॉर्पोरेशन (CSCC) के साथ एक Mou (समझौता ज्ञापन) साइन किया है। इसका मकसद है कि न्यायपालिका की पहुंच को हर स्तर पर सभी नागरिकों के लिए आसान बनाना। सीजेआई ने आगे कहा था, ‘टेक्नोलॉजी के जरिए न्यायपालिका को सुलभ बनाने के मिशत के तहत ई-समिति देशभर के सभी कोर्ट में e-seva kendra भी बना रही है।’
Supreme Court Mobile App 2.0 (सुप्रीम कोर्ट मोबाइल ऐप 2.0)
दिसंबर 2022 में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया DY Chandrachud ने एक बड़ी घोषणा की थी। उन्होंने देश में Supreme Court Mobile App 2.0 लॉन्च करने का ऐलान किया था।
सीजेआई ने इस मौके पर कोर्टरूम वकीलों से ऐप का इस्तेमाल शुरू करने को भी कहा था। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट मोबाइल ऐप 2.0 ऐंड्रॉयड यूजर्स के लिए उपलब्ध है। इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
इसके साथ ही सीजेआई ने यह भी बताया था कि सभी विधि अधिकारी अब मुकदमों को रियलटाइम एक्सेस कर सकते हैं। सरकारी डिपार्टमेंट भी लंबित पड़े मामलों की जानकारी यहां देख सकते हैं।
टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करना है जरूरी
हाल ही में सीजेआई से एक वकील ने सवाल पूछा था कि मध्य प्रदेश में 11 अक्टूबर 2021 को खूब पैसे खर्च करने के बाद ई-कोर्ट शुरू किए गए थे, लेकिन 13 दिन बाद ही एक नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर में कहा गया कि वर्चुअल कोर्ट पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं।
सीजेआई ने इस सवाल के जवाब में कहा, ‘समस्या तब शुरू होती है जब आपके पास ऐसे चीफ जस्टिस हैं जो सोचते हैं कि टेक्नोलॉजी अच्छी चीज है जबकि कुछ चीफ जस्टिस की सोच अलग होती है। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि सब एक जैसे बनें। सवाल यह नहीं है कि मैं टेक्नोलॉजी पसंद करता हूं या नहीं। हर कोई सेल फोन यूज करता है, इसे इस्तेमाल करना जरूरी है। इसी तरह, इस टेक्नोलॉजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को जनता के पैसे का इस्तेमाल करके तैयार किया गया है। मुझे लगता है कि हाई कोर्ट के सभी चीफ जस्टिस को टेक्नोलॉजी सीखने की जरूरत है। इसको लेकर कोई अपवाद नहीं है। इसी तरह, वकील भी टेक्नोलॉजी को लेकर सजग रहें।’