Mock Drill on 7th May: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है। पीएम मोदी ने भी निर्दोषों पर हुए इस बर्बर हमले के बाद कहा था दोषियों को ‘कल्पना से परे’ सजा मिलेगी। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए हैं और इसी क्रम में कल यानी 7 मई को देश भर के 244 डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इस मॉक ड्रिल के दौरान एयर रेड वॉर्निंग सायरन बजेगा। यह मॉक ड्रिल इसलिए हो रही है कि अगर युद्ध की स्थिति बनती है और कोई एयर स्ट्राइक होती है तो क्या किया जाना चाहिए।
मॉक ड्रिल को लेकर देशभर में चर्चा है और लोगों के मन में कई तरह के सवाल भी है। लेकिन क्या आपको पता है कि मॉक ड्रिल के समय बजने वाला एयर रेड वॉर्निंग सायरन क्या है? एयर रेड वॉर्नंग सायरन के लिए किस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है? लोग यह भी जानना चाहते हैं कि क्या उनके मोबाइल फोन्स में भी किसी तरह का अलर्ट आएगा। चलिए हम आपको बता रहे हैं कि युद्ध के दौरान बजने वाले सायरन से जुड़े सभी सवालों के जवाब के बारे में…
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क्या है एयर रेड सायरन
एयर रेड सायरन एक अनोखे तरह का साउंड होता है। इस सायरन को तब बजाया जाता है जब आसपास कोई खतरा होता है। इस तरह के खतरों में एयर अटैक, मिसाइल अटैक आदि शामिल हैं। बता दें कि कई बार प्राकृतिक आपदा यानी नेचुरल डिजास्टर की स्थिति में भी सायर बजाया जाता है। आमतौर पर 60 सेकेंड तक यह सायरन बजता है। इस सायरन को बजाने का मतलब है कि लोगों को किसी सुरक्षित जगह और जरूरी कदम उठाए जाने की जरूरत है।
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क्या मोबाइल में भी आएगा अलर्ट?
लोगों के मन में यह भी जिज्ञासा है कि मॉक ड्रिल के दौरान जब सायरन बजेगा तो क्या मोबाइल में भी कोई अलर्ट आएगा? बता दें कि भारत में पिछले कुछ सालों में दूरसंचार विभाग ने एक इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम टेस्ट किया है ताकि आपदा के समय लोगों को अलर्ट किया जा सके। देश में बहुत सारे स्मार्टफोन यूजर्स को टेस्ट फ्लैश के तौर पर इमरजेंसी अलर्ट भेजा गया था। स्मार्टफोन यूजर्स (Smartphone Users) को उनके फोन में ‘Emergency Alert: Severe’ फ्लैश और लाउड बीप साउंड सुनने को मिला था। यह मैसेज एक टेस्टिंग के तौर पर ही भेजा गया था। बीप के साथ फोन वाइब्रेट भी हुआ था। साइलेंट मोड में जो फोन थे, उनमें भी यह अलर्ट आया था।
लेकिन फिलहाल कल होने वाली मॉक ड्रिल में ऐसा कुछ होने नहीं जा रहा। मोबाइल में अलर्ट मिलने की कोई जानकारी सरकार की तरफ से नहीं दी गई है। लेकिन निश्चित तौर पर भारत के पास एक ऐसा अलर्ट सिस्टम जरूर है जो एक साथ लाखों मोबाइल पर इमरजेंसी अलर्ट भेज सकता है।
किस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
भारत में कल होने वाली मॉक ड्रिल के दौरान बजने वाले वॉर सायरन के लिए किस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा, अभी तक इसे लेकर कुछ भी साफ नहीं है। दुनिया के दूसरे देशों में इस तरह के सायरन बजाने के लिए अभी एयर, इलेक्ट्रिसिटी और इलेक्ट्रॉनिक टेकनोलॉजी का इस्तेमाल कियाजा रहा है।
कई देशों में एयर वाले सायरन इस्तेमाल होते हैं। इसमें एक घूमती हुई डिस्क में मौजूद छेद हवा को रोकते हैं और फिर रिलीज करते हैं, इस तरह एक ध्वनि निकलती है और सायरन बजता है।
कई देशों में बिजली वाले सायरन इस्तेमाल किए जाते हैं। इनमें एक मशीन में डायफ्रॉम या हॉर्न लगा होता है जिससे साउंड निकलता है।
अभी दुनियाभर में कई इलेक्ट्रॉनिक सायरल भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं जो डिजिटल ध्वनि निकालते हैं। इनमें स्पीकर लगे होते हैं। कई सायरनों को रेडियो फ्रीक्वेंसी से भी अटैच किया जाता है।