मेटा ने अपने Meta Connect 2025 इवेंट में Ray-Ban Display Smart Glasses पेश किए हैं। यह 2023 में लॉन्च हुए Ray-Ban Meta Glasses का अपग्रेडेड वर्ज़न है जो भारत में मई 2025 में उपलब्ध हुआ था।

नए स्मार्ट ग्लासेस की डिजाइन पहले जैसी ही है। इसमें फ्रेम के बाएं हिस्से पर अल्ट्रा-वाइड कैमरा, माइक्रोफ़ोन और ओपन-ईयर स्पीकर्स मौजूद हैं। लेकिन इस बार कंपनी ने इसमें एक बड़ा बदलाव किया है और वो है- हेड्स-अप डिस्प्ले (HUD) जो दाहिनी लेंस के निचले हिस्से पर लगाई गई है। यह डिस्प्ले यूज़र्स को स्क्रीन पर नोटिफिकेशन, मैप्स और अन्य जानकारी दिखाने की क्षमता देती है।

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Meta ने इस बार अपने स्मार्ट ग्लासेस के साथ एक नया Neural Band भी पेश किया है। यह एक सतही इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG या sEMG) रिस्टबैंड है, जो हाथ की मांसपेशियों की हलचल को पढ़कर ग्लासेस को कंट्रोल करने की सुविधा देता है। यानी अब यूज़र छोटे-छोटे जेस्चर्स (इशारों) से म्यूज़िक, कॉल, मैसेज और ऐप्स को कंट्रोल कर पाएंगे। टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स का मानना है कि Meta का यह लॉन्च वियरेबल्स की दुनिया में एक नया ट्रेंड सेट कर सकता है और आने वाले समय में स्मार्टफोन की जरूरत को भी कम कर सकता है।

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Meta Ray-Ban Display Price

मेटा रे-बैन डिस्प्ले की कीमत 799 डॉलर (करीब 70,100 रुपये) है। इस कीमत मे आपको ग्लासेज और मेटा न्यूरल बैंड दोनों मिल जाएंगे। इन्हें ब्लैक और सैंड कलर में उपलब्ध कराया गया है। इन स्मार्ट ग्लासेज की बिक्री 30 सितंबर से अमेरिका में लिमिटेड ऑफलाइन रिटेलर्स पर उपलब्ध होगी। कनाडा, फ्रांस, इटली और यूके में इन ग्लासेज को अगले साल लॉन्च किया जाएगा।

फिलहाल भारत में लेटेस्ट मेटा रे-बैन डिस्प्ले ग्लासेज को लॉन्च करने से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है।

Meta Ray-Ban Display Features

मेटा रे-बैन डिस्प्ले एम्बेडेड एआर डिस्प्ले के साथ स्मार्ट ग्लास बनाने की कंपनी की पहला कोशिश है। स्मार्ट चश्मे का वजन 69 ग्राम है जो उन्हें वैनगार्ड से थोड़ा भारी और पिछली पीढ़ी के रे-बैन मेटा की तुलना में काफी भारी बनाता है। नई डिस्प्ले स्क्रीन, दाएं लेंस के नीचे स्थित है। यह एक 600 x 600 रेजॉलूशन वाली स्क्रीन है जो लगभग 20-डिग्री दृश्य क्षेत्र को कवर करती है और इसकी अधिकतम ब्राइटनेस 5,000 निट्स है।

हाई ब्राइटनेस के बावजूद मेटा का दावा है कि स्क्रीन में केवल दो प्रतिशत लाइट लीकेज है जिसका मतलब है कि यूजर्स के आसपास के अन्य लोग AR डिस्प्ले को देख या पहचान नहीं सकते हैं। स्क्रीन सामान्य तौर पर 90Hz रिफ्रेश रेट और कंटेंट देखते समय 30Hz रिफ्रेश रेट को सपोर्ट करती है।

नए AR ग्लासेस के साथ Meta Neural Band पेश किया गया है। यह सबसे पहले Connect 2024 इवेंट में दिखाए गए Orion प्रोटोटाइप के साथ नजर आया था। यह एक sEMG रिस्टबैंड है जो कलाई और उंगलियों की बेहद सूक्ष्म मांसपेशी गतिविधियों को पकड़कर उन्हें इलेक्ट्रिकल सिग्नल में बदल देता है। ये सिग्नल डिवाइस तक पहुंचते हैं और उन्हें किसी खास एक्शन के साथ पेयर कर दिया जाता है। इसका मतलब यह है कि यूजर जब रिस्टबैंड पहनते हैं तो वे केवल उंगलियों की हल्की-सी हरकत से स्क्रीन पर स्क्रॉल कर सकते हैं या किसी इंटरैक्टिव एलिमेंट पर क्लिक कर सकते हैं। Meta का कहना है कि भविष्य में इस तकनीक से यूजर सीधे पूरा मैसेज लिखने में भी सक्षम होंगे।

Meta ने बताया कि Neural Band को बनाने में चार साल का रिसर्च लगा है। इसे Vectran नामक मटेरियल से तैयार किया गया है। यही मटेरियल NASA के Mars Rover के क्रैश पैड्स में इस्तेमाल किया गया था। यह मजबूत होने के साथ ही लचीला भी है। डिवाइस को IPX7 स्प्लैश रेसिस्टेंस रेटिंग मिली है और कंपनी का दावा है कि यह 18 घंटे की बैटरी लाइफ ऑफर करता है।

Meta के नए Ray-Ban Display Smart Glasses कई ऐसे काम कर सकते हैं जो बिना स्क्रीन वाले सामान्य स्मार्ट ग्लासेस नहीं कर पाते। अब इनमें Meta AI विज़ुअल्स का सपोर्ट है यानी यूजर केवल जवाब सुनकर ही नहीं बल्कि उन्हें स्क्रीन पर पढ़ भी सकते हैं।

इन स्मार्ट ग्लासेस के जरिए यूजर टेक्स्ट मैसेज भेज और प्राप्त कर सकते हैं, साथ ही वीडियो कॉल भी कर सकते हैं। हालांकि, वीडियो कॉलिंग फिलहाल सिर्फ WhatsApp और Messenger पर ही उपलब्ध है।

इन ग्लासेस में दिया गया HUD (हेड्स-अप डिस्प्ले) कैमरा का व्यूफाइंडर भी बन जाता है। इसके साथ ही, नए 3X ज़ूम फीचर से यूज़र यह देख सकते हैं कि ज़ूम करने के बाद सब्जेक्ट सही से फ्रेम में आया है या नहीं। यही स्क्रीन पैदल चलने वालों के लिए नेविगेशन, लाइव ट्रांसलेशन और कैप्शन जैसी सुविधाओं के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है।