माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट टि्वटर ने चीन में कंपनी प्रमुख के तौर पर कैथी चेन नाम की महिला इंजीनियर को नियुक्त किया है। टि्वटर के संस्थापक जैक डोर्से ने शुक्रवार को यह एलान किया। कैथी चीन की सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के साथ काम कर चुकी हैं। वह माइक्रोसॉफ्ट और सिस्को के चीनी ऑपरेशंस का काम भी संभाल चुकी हैं। कैथी को ‘ग्रेटर चाइना’ का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया है। टि्वटर के नजरिए से ग्रेटर चाइना का मतलब हॉन्ग कॉन्ग, मकाओ और ताइवान है।
क्यों हो रही आलोचना?
चीन में टि्वटर पर बैन है। ऐसे में टि्वटर द्वारा चीनी डायरेक्टर की नियुक्ति थोड़ी अटपटी लगती है। नियुक्ति के दिन ही कैथी ने कई ट्वीट्स किए। ये ट्वीट्स चर्चाओं में हैं। चीनी नेट यूजर्स कैथी के सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी से रिश्ते पर सवाल उठा रहे हैं। वे टि्वटर और सत्ताधारी पार्टी के नियंत्रण वाले प्रेस के बीच गठजोड़ से जुड़ी कैथी की योजना को लेकर भी आशंकित हैं। टि्वटर पर आने के बाद कैथी ने सत्ताधारी पार्टी के नियंत्रण वाले कई मीडिया संगठनों के साथ मिलकर काम करने का एलान किया। टि्वटर पर चीन के बहुत सारे राजनीतिक कार्यकर्ता विदेशों से सक्रिय हैं। वे चीन में हो रही घटनाओं को सोशल मीडिया के जरिए दुनिया को बताने के लिए इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। कैथी चेन की नियुक्ति पर इनमें से कई ने निराशा जताते हुए टि्वटर के फैसले की आलोचना की है।
चीन में फायरवॉल तकनीक की वजह से वहां की अधिकतर जनता टि्वटर का इस्तेमाल नहीं कर पाती। इसके अलावा, यहां फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल और कई दूसरी वेबसाइट्स पर भी बैन है। हालांकि, बीते दस सालों में वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) के इस्तेमाल की वजह से यह फायरवॉल थोड़ा बेअसर हुआ है। चीन में टि्वटर के निष्ठावान यूजर्स का एक छोटा समूह तो है ही। इन यूजर्स में बहुत सारे ऐसे हैं, जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों के विरोधी माने जाते हैं। इसके अलावा, कुछ ऐसे भी हैं जो चीनी भाषा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के कड़े नियम कायदों की वजह से टि्वटर की ओर आकर्षित हैं। ऐसे में चीन की नई टि्वटर प्रमुख के सत्ताधारी पार्टी के साथ ‘मिलजुल कर’ काम करने के एलान से टि्वटर के चीनी फैंस को तगड़ा झटका लगा है।
कड़े कानूनों के बावजूद चीन क्यों जा रही कंपनियां?
चीन में इंटरनेट पर सरकार का पूरा नियंत्रण है। यहां ऑनलाइन कंपनियों पर कई तरह की पाबंदियां हैं। मसलन-कंपनियों को अपने सर्वर देश में ही लगाने पड़ते हैं। कंपनियों को ब्लॉक करने और उन पर बैन लगाने को लेकर चीन ज्यादा नरमी नहीं बरतता। इतनी सारी शर्तों के बावजूद, चीन में इंटरनेट कंपनियों के लिए एक बड़ा और फायदेमंद बाजार है। चीन में ब्लॉक बहुत सारी कंपनियां मसलन-फेसबुक और गूगल अब भी वहां बिजनेस करती हैं। वे वहां चीनी कंपनियों को सर्विसेज दे रही हैं। इनका मकसद विदेश में ग्राहकों का एक बड़ा बेस तैयार करना है।
A big welcome to Twitter, @KathyChen2016! She joins us as our MD for China!
— Jack (@jack) April 15, 2016
Thank you for your support as we connect Greater China to the world! A video by @kathychen2016 , MD of @TwitterGCN pic.twitter.com/aX9GzZe2sc
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