लोकसभा चुनाव से पहले मैसेंजर ऐप WhatsApp फेक न्यूज के आदान प्रदान को रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाता नजर आ रहा है। WhatsApp नहीं चाहता कि उसके मैसेंजर ऐप का इस्तेमाल फेक न्यूज और दुष्प्रचार के लिए किया जाए। हाल के दिनों में WhatsApp का काफी आलोचना हुई है। कई बार कहा गया कि इसका इस्तेमाल तेजी से फेक न्यूज फैलाने में हो रहा है जिसकी वजह से कई हिंसक घटनाएं हुई । आरोपों और घटनाओं से सबक लेते हुए WhatsApp ने यूजर्स को फेक न्यूज के प्रति सतर्क होने के लिए एक अभियान चलाया है और इसी क्रम में भारत में WhatsApp ने fact-checking tipline की शुरुआत की है।

दरअसल इसके जरिए यूजर गलत खबर को रिपोर्ट कर पाएंगे। WhatsApp ने टिप लाइन नंबर भी जारी किया है। (+91-9643-000-888) इस नबंर पर कॉल कर यूजर किसी भी भ्रामक खबर की पड़ताल कर सकते हैं।WhatsApp का यह फीचर हाल के दिनों में काफी व्यस्त रहने वाला है। भारतीय मीडिया स्किलिंग स्टार्टअप PROTO यह काम करेगा। गलत सूचनाओं से संबंधित प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी कंपनी Dig Deeper Media and Meeda खबरों के सत्यापन के लिए PROTO को फ्रेमवर्क बनाने में मदद करेगी।

Meedan ने ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित की है जिससे आने अफवाहों का जांचा जा सके। इसके अलावा उन अफवाहों का डेटाबेस को बना रखने में भी यह कंपनी सक्षम है।कंपनी ने अपने चेक प्लेटफार्म का विस्तार किया है (मैक्सिको और फ्रांस में हाल के चुनावों के लिए विकसित किया गया है) और इसे व्हाट्सएप बिजनेस एपीआई के साथ जोड़ा गया है ताकि बड़े पैमाने पर प्रतिक्रिया दे सकें।

इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, एक बार जब WhatsApp यूजर टिपलाइन के साथ एक संदिग्ध मैसेज साझा करेगा। तो PROTO का  इसे वेरीफाई कर बताएगा कि दावा सही है या गलत। जिसके बाद यह बताया जाएगा मैसेज गलत सही, गलत, भ्रामक है या  विवादित या दायरे से बाहर है।