अपने फोन पर हम एक दिन मे हम कई सारे लिंक, ईमेल खोलते हैं और ऐप्स डाउनलोड करते हैं। इसके अलावा 24 घंटे में हमारे स्मार्टफोन पर कई फाइल्स भी रिसीव होती हैं। हम हर दिन अपने फोन में इस तरह के कई काम करते हैं। और इस पूरी प्रक्रिया में संभव है कि हमारे डिवाइस में किसी तरीके से मैलवेयर एंटर कर जाए। सबसे बड़ी बात है कि ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है। इसलिए अपने आपको कसूरवार ठहराना बंद कर दीजिए।

मैलिशियस सॉफ़्टवेयर (Malicious Software) को शॉर्ट में मैलवेयर बोलते हैं। इसे जानबूझकर इस तरह डिज़ाइन किया जाता है कि यह आपके फोन को नुकसान पहुंचा सके, आपके डिवाइस में स्टोर की गई संवेदनशील और गोपनीय जानकारी चुरा सके, आपकी ऑनलाइन एक्टिविटीज पर नजर रखने के लिए हानिकारक सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल कर सके या यहां तक कि आपके डिवाइस को एक तरह से हॉस्टेज कर सके।

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सच कहें तो, कोई भी नहीं चाहता कि ऐसा उसके स्मार्टफोन के साथ हो। हालांकि, इस हाइपरकनेक्टेड दुनिया में यह भी सच है कि हमें यह जानना जरूरी है कि मैलवेयर कैसे एक डिवाइस में फैलता है और यह कितनी तरह का हो सकता है। अगर आपका फोन मैलवेयर से इन्फेक्ट हो गया है तो मैलवेयर को पहचानने के तरीके हैं। और इसे सुरक्षित रूप से हटाने के लिए आप क्या कदम उठा सकते हैं, जानें इसके बारे में…

मैलवेयर क्या है और ये कैसे फोन में पहुंचता है?

हो सकता है कि आपने ‘malware’ टर्म चुना हो लेकिन आपको इसका मतलब नहीं पता हो। मैलवेयर ना केवल स्मार्टफोन बल्कि हर तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में फैल सकता है। यह अपने खुद की कॉपी बनाकर और फोन की डेटा फ़ाइल्स के भीतर छिपकर फैलता है। इसका मतलब है कि मैलवेयर के एक्टिव होने के लिए डिवाइस को उस फाइल को रन करना पड़ता है। बस इतना याद रखें कि इन्फेक्टेड फाइल को एक्सेस किए बिना मैलवेयर डीएक्टिवेट रहता है। एक बार एक्टिव होने के बाद यह आपके डिवाइस की अन्य फ़ाइल्स और प्रोग्राम्स में भी फैल सकता है।

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मैलवेयर आपके फोन में वेबसाइट्स, ईमेल, फोन कॉल्स और ऐप या सॉफ्टवेयर डाउनलोड के जरिए एंटर कर सकता है। दूसरे शब्दों में कहें तो मैलवेयर आपके फोन में मल्टीपल सोर्सेज के जरिए घुस सकता है। उदाहरण के लिए, साइबरक्रिमिनल्स अक्सर ही फिशिंग ईमेल का इस्तेमाल करते हैं जिन्हें देखकर लगता है कि ये किसी भरोसेमंद सोर्स से आए हैं। जब आप किसी फेस वेबसाइट पर जाते हैं, पाइरेटेड मूवी या गाने डाउनलोड करते हैं या फिर पॉप-अप विज्ञापन पर क्लिक करते हैं तो मैलवेयर यूजर्स को फंसा करकर उनके फोन में वायरस इंस्टॉल कर देता है। इन दिनों कई साइबरक्रिमिनल्स उनके टेक सपोर्ट के तौर पर फोन कॉल करके रिमोट एक्सेस लेने के लिए लोगों को फंसा रहे हैं। एक बार कामयाब होने के बाद, मैलवेयर डिवाइस को इन्फेक्ट कर देता है और निजी व गोपनीय जानकारी चुरा लेता है।

कितनी तरह के होते हैं मैलवेयर?

याद रखने वाली जरूरी बात है कि मैलवेयर कई अलग-अलग तरह के होते हैं और सभी मैलवेयर एक जैसे नहीं होते। जैसे वायरस किसी ऐप या प्रोग्राम के जरिए फैसल सकते हैं और आपके फोन को क्रैश करने के साथ ही डेटा को चुरा सकते हैं। वहीं Trojan मैलवेयर जो खुद को किसी असली सॉफ्टवेयर की तरह दिखाते हैं और डिवाइस क्रैश, फाइल डिलीट करने और गोपनीय जानकारी चुराने जैसे काम कर सकते हैं। मैलवेयर का सबसे कॉमन फॉर्म रैन्समवेयर (ransomware) होता है जो किसी डिवाइस और इसके डेटा को लॉक कर देते हैं और फिर एक्सेस वापस देने के लिए पैसे मांगते हैं।

मैलवेयर का एक अन्य तरीका Spyware है जो चुपचाप यूजर की जानकारी इकट्ठा करता है। adware इनकम जेनरेट करने के लिए अनचाहे विज्ञापन दिखाकर और यूजर की ब्राउजिंग एक्टिविटी ट्रैक करता है। scareware यूजर को डराता है और फेक अलर्ट और वार्निंग क्रिएट करके उन्हें फंसाकर फोन में मैलवेलयर इंस्टॉल करा देता है।

ऐंड्रॉयड या iOS कौन सा प्लेटफॉर्म है मैलवेयर के लिए सुरक्षित?

यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है। Google का Android प्लेटफॉर्म एक ओपन ईकोसिस्टम होने के कारण मैलवेयर के प्रति ज्यादा संवेदनशील माना जाता है। हालांकि, बीते कुछ सालों में Google ने Play Store की सिक्यॉरिटी को काफी बेहतर किया है।

वहीं Apple के App Store की बात करें तो, iPhone को उसके क्लोज़्ड ईकोसिस्टम की वजह से अक्सर ज़्यादा सुरक्षित माना जाता है। लेकिन कोई भी प्लेटफॉर्म पूरी तरह मैलवेयर से सुरक्षित नहीं है। पिछले कुछ सालों से साइबर अपराधियों ने iPhone यूज़र्स को भी तेजी से निशाने पर लिया है।

इसलिए साफ शब्दों में समझें कि कोई भी प्लेटफॉर्म पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। इसलिए सतर्क और जागरूक यूजर होना आपकी अपनी जिम्मेदारी है। बिना वेरिफाइड स्रोतों से ऐप्स और फाइलें डाउनलोड करने में हमेशा रिस्क जुड़े रहते हैं।

आपका फोन में मैलवेयर होने के संकेत

ऐसे कई संकेत हैं जिनसे आप यह पहचान सकते हैं कि आपके फोन को मैलवेयर ने हाइजैक किया है या नहीं। आपको बताते हैं कि आप कैसे यह पता कर सकते हैं…

धीमी परफॉर्मेंस: मैलवेयर से संक्रमित फोन का सबसे विजिबल साइन है धीमी परफॉर्मेंस। मैलवेयर, रैम का एक बड़े हिस्से की खपत करता है। और ऐप्स व दूसरे प्रोग्राम को फंक्शन करने के लिए बहुत कम रीसोर्स छोड़ता है। इसके चलते डिवाइस की परफॉर्मेंस धीमी पड़ती है और ऐप खोलने या इंटरनेट ब्राउज़ करने में अचानक उम्मीद से ज्यादा समय लगने लगता है।

बार-बार आने वाले पॉप-अप एड्स: जैसा कि हमने पहले जिक्र किया कि एडवेयर मैलवेयर का एक तरीका है जो चुपचाप आपके ब्राउज़र या ऐप्स में घुस जाता है। ना केवल यूजर के लिए यह परेशान करने वाले पॉप-अप जेनरेट करता है बल्कि अक्सर यह ऐसे मैलवेयर के साथ आता है जो आपके फोन को हाइजैक कर सकता है। इस परेशानी को तुरंत दूर करने के लिए अपने फोन के ब्राउज़र या टूलबार में एड ब्लॉकर डाउनलोड करें जो वेब सर्च के दौरान विज्ञापनों को ब्लॉक कर देगा।

तेजी से खत्म होती बैटरी: यह सच है कि फोन पुराने होने के साथ ही बैटरी हेल्थ खराब होने लगती है। हालांकि, अगर आपको यह लग रहा है कि आपके फोन की बैटरी उम्मीद से ज्यादा तेजी से खत्म हो रही है तो यह एक्टिव मैलवेयर का एक संकेत हो सकता है। बैकग्राउंड में एक्टिव मैलवेयर आपके फोन की बैटरी को तेजी से खत्म कर सकता है।

अनचाहे ऐप्स: यह संभव है कि आपने कोई ऐप डाउनलोड किया हो लेकिन कुछ घंटों बाद आपके होम स्क्रीन पर अपने आप एक्स्ट्रा ऐप्स दिखाई देने लगें। ऐसा होने पर संभावना है कि हैकर्स ने आपकी फ़ाइलों तक पहुंच पाने के लिए आपके फोन में मैलिशियस ऐप्स इंस्टॉल कर दिए हों। ये ऐप्स दिखने में बिल्कुल सामान्य लग सकते हैं, लेकिन उन पर क्लिक करने से बचें। हो सकता है कि वे अपने साथ मैलवेयर लेकर आए हों।

फोन में मैलवेयर की पहचान करने के अन्य तरीकों में अनजान सोर्स से मैसेज मिलना, असामान्य रूप से ज़्यादा डेटा का इस्तेमाल होना और बिना परमिशन के की गई खरीदारी शामिल हैं।

ध्यान देने वाली बात है कि अगर आपको लगता है कि आपके फोन में मैलवेयर है तो तुरंत अपने बैंक और क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट को चेक करें। इससे आपको बिना आपकी जानकारी के की गई खरीदारी का पता चल जाएगा। एक छोटी सी ट्रांजैक्शन भी इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके डिवाइस में वायरस है। इससे पता चलता है कि साइबरक्रिमिनल्स कामयाब हो गए हैं और बड़े अमाउंट के लिए जल्द दोबारा लौटेंगे।