Johann Sebastian Bach Google Doodle: गूगल ने आज एक खास डूडल तैयार किया है। यह डूडल 18वीं शताब्दी के संगीतकार जोहान सेबेस्टियन की याद में बनाया गया है। आज जोहान सेबेस्टियन का जन्मदिन है। जोहान सेबेस्टियन जो इस दिन 1685 में पैदा हुए थे। Google ने एक ऐसा डूडल बनाया है, जिसमें आप म्यूजिकल नोट लिख सकते हैं, जिसका उपयोग वह “बाक की सिग्नेचर म्यूजिक शैली में कस्टम मेलोडी के सामंजस्य के लिए करता है।” यहां एक ईस्टर ऐग भी है जो इसे 80 के दशक की शैली की रॉक कंपोजिशन में बदल देता है।
Google ने बैच की कंपोजिशन में से 306 को एक कंप्यूटर मॉडल में दर्ज किया। फिर उन्होंने उसे गूगल डूडल को ट्रांसफर कर दिया, मॉडल को यूजर्स इनपुट लेने की अनुमति देता है और उनसे अलग बाख-ईश साउंडिंग पीस कंपोज करता है। यह एक साफ विचार और कोशिश करने के लिए मजेदार है। आप कुछ ही समय में बारोक जीनियस की तरह महसूस करेंगे।


गूगल ने कहा कि मशीन लर्निंग ने बाह की करीब 306 धुनों को सीखा, जिनमें से सिस्टम को सिखाने के लिए बाह के कंपोजीशन से कुछ टुकड़े लिए गए और कुछ नोट्स मिटा दिए गए। मशीन लर्निंग मॉडल ने कॉन्टैक्स्ट से गायब नोट्स को पहचान लिया। इस तरह यूजर्स के इनपुट्स को वह बाह के स्टाइल वाली धुन में बदल सकता है।
इस विशेष प्रॉजेक्ट के लिए, डूडल टीम ने कला शैली और इंटरफेस बनाया, लेकिन अनुभव के दिमाग के लिए अन्य Google टीमों से भी मदद मांगी। Google मैजेंटा टीम, जो संगीत और कला के लिए AI और मशीन लर्निंग को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करती है, ने एक मशीन लर्निंग मॉडल बनाया जिसमें 306 Bach chorale harmonifications अपलोड किए गए।
जर्मन के सिंगर जोहान सेबेस्टियन की आवाज से स्वीडन के क्राउन प्रिंस भी काफी प्रभावित हुए थे। कहा जाता है कि जब उन्होंने बाच की आवाज सुनी तो उन्होंने खुश होकर अपनी हीरे की अंगूठी बाच को गिफ्ट कर दी थी।
जोहान सेबेस्टियन की आवाज इतनी अच्छी और मधुर थी कि उन्हें सेंट मिशेल स्कूल में स्कॉलरशिप मिली थी।
जर्मन संगीतकार जोहान सेबेस्टियन की आवाज शुरू से काफी मधुर थी, सन 1700 की शुरुआत में चर्च में गाया करते थे।
19वीं शताब्दी में बाच अपने इनोवेटिव फोर-पार्ट हार्मनी और की-मॉड्युलेशन के चलते संगीत की दुनिया में बड़ा नाम बने।
नाम के साथ असाधारण संगीतकार का तमगा जुड़ने से पहले बाच ने पाइप आधारित इंस्ट्रूमेंट के मकैनिज्म को समझा, जिसे इंटरैक्टिव डूडल में भी दर्शाया गया है।
मशीन लर्निंग एक ऐसा तरीका होता जिसकी मदद से कम्प्यूटर अपने जवाब के साथ आता है। यानी आपको पुराने जमाने की तरह कम्प्यूटर को कोड नहीं देने होते हैं। ये काम ऑटोमेटिक होता है।
एआई फीचर्ड गूगल डूडल की मदद से यूजर्स इस डूडल पर अपनी पसंद के मेलोडी कंपोज कर सकते हैं। जिसके लिए यूजर्स डूडल पर क्लिक करें, लगातार क्लिक करने के बाद मशीन लर्निंग की मदद से ये मेलोडी तैयार हो जाएगी। बाद में आप अपनी धुन को प्ले करके सुन सकते हैं।
गूगल ने जो डूडल बनाया है वह एआई फीचर्ड है। यानी यूजर्स इस डूडल पर अपनी पसंद के दो मेलोडी कंपोज कर सकते हैं।
जोहान जब 10 साल के थे तभी उनके पिता का निधन हो गया। जिसके बाद से उनके बड़े भाई ने उन्हें संगीत की शिक्षा देना शुरू कर किया था।
बाह का जन्म जर्मनी के ईशनाच शहर में हुआ था और वह संगीत से जुड़े परिवार में ही पले-बढ़े। उनके पिता कई म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स बजा लेते थे और शहर के संगीतकारों के डायरेक्टर के तौर पर काम करते थे, वहीं बाह के बड़े भाई भी संगीतकार थे।
इस विशेष प्रॉजेक्ट के लिए, डूडल टीम ने कला शैली और इंटरफेस बनाया, लेकिन अनुभव के दिमाग के लिए अन्य Google टीमों से भी मदद मांगी। Google मैजेंटा टीम, जो संगीत और कला के लिए AI और मशीन लर्निंग को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करती है, ने एक मशीन लर्निंग मॉडल बनाया जिसमें 306 Bach chorale harmonifications अपलोड किए गए।
गूगल ने जो डूडल बनाया है उसमें यूजर्स बटन प्रेस करने के साथ ही Machine Learning की हेल्प से कोई भी मेलोडी बना सकते हैं। दरअसल Machine Learning एक ऐसा तरीका है जिसकी मदद से कम्प्यूटर अपने जवाब के साथ आता है। यानी आपको पुराने जमाने की तरह कम्प्यूटर को कोड नहीं देने होते हैं। ये काम ऑटोमेटिक होता है।
यह Google doodle पहला ऐसा डूडल है जिसमें आप खुद अपनी पसंद की धुन बना सकते हैं। इसके लिए गूगल टीम ने इस मॉडल में 306 बाख कोरले हार्मोनिसैशन (306 Bach chorale harmonifications) डाले हैं।
पुराने जुलियन कैलेंडर के मुताबिक 21 मार्च 1685 के दिन संगीतकार जोहान सेबेस्टियन बाख (Johann Sebastian Bach) ने इस अल-पावर्ड (AI-powered) हार्मोनी बजाया था।
जोहान सेबेस्टियन बाख (Johann Sebastian Bach), सिर्फ हार्मोनी को बजाना ही नहीं बल्कि उन्हें रिपेयर करना भी जानते थे। वह जर्मन के आइजिनाच शहर के संगीत परिवार से हैं।
इस डूडल (Google doodle) को गूगल मजेंटा और गूगल पेयर टीम की मदद से बनाया है। यह पहला ऐसा डूडल है जिसमें यूज़र खुद अपनी पसंद की धुन बना सकते हैं। इसके लिए गूगल टीम ने इस मॉडल में 306 बाख कोरले हार्मोनिसैशन (306 Bach chorale harmonifications) डाले गए।
जोहान सेबेस्टियन बाख (Johann Sebastian Bach) का ये अविष्कार 19वीं शताब्दी में चर्चा में आया, जब लोगों ने इस फोर-पार्ट हारमोनी का संगीत सुना।
1707 में वे ऑगैनिस्ट (Organist) बने। उन्होंने राजाओं और चर्च में ही गाया। उनकी धुन और संगीत के लोग आज भी फैन हैं।
सन 1700 की शुरूआत में वह चर्च ने गाया करते थे। उनकी आवाज बहुत अच्छी थी, जिस वजह से उन्हें सेंट मिशेल स्कूल में स्कॉलरशिप मिली। इतना ही नहीं, बाख की आवाज को सुन स्वीडन के क्राउन प्रिंस इतने खुश हुए कि उन्होंने अपनी हीरे की अंगूठी तोहफे में दी।
Bach का जन्म 1685 में जर्मनी के ईसेनाच में हुआ था। Bach 18वीं शताब्दी के एक जर्मन संगीतकार थे। जॉन जब 10 साल के भी नहीं थे तब उनके पिता का निधन हो गया। इससे पहले तक जॉन अपने पिता के साथ वॉयलिन बजाते थे। इसके बाद शुरू हुआ उनका संगीत का सफर।
गूगल के इस डूडल की एक सबसे खास बात यह भी है कि यह पहला ऐसा डूडल है जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से बना है। मशीन लर्निंग की सहायता से बना यह डूडल बेहद मजेदार है। इसे बनाने के लिए बैच की 306 म्यूजिक कंपोजीशंस को एक कंप्यूटर में डाल दिया गया और फिर वहां से इन्हें डूडल में ट्रांसफर किया गया।
डूडल इंटरेक्टिव है और इसके पीछे गूगल के ही मजेंटा और पेयर हैं। मजेंटा जहां यूजर को मशीन लर्निंग के माध्यम से खुद का संगीत बनाने में मदद करता है वहीं पेयर ऐसे टूल्स बनाता है जो मशीन लर्निंग को हर किसी के उपयोग लायक बना दे। मशीन लर्निंग के कोकोनेट मॉडल ने इस सब को संभव कर दिखाया है।
इस डूडल पर क्लिक करते ही यह यूजर को अपने नोट्स सिलेक्ट करने के लिए कहता है। यूजर जितने चाहे नोट्स सिलेक्ट कर ले और पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ओके पर क्लिक करे। ऐसा करते ही डूडल इसमें पहले से मौजूद बैच की 306 कंपोजीशंस में से यूजर के नोट्स से मिलती-जुलती कंपोजीशन ढूंढकर संगीत तैयार करता है।
गूगल ने लिखा है, '1685 में आज के ही दिन जन्मे बाह अपने जीवनभर असाधारण ऑर्गनिस्ट के तौर पर पहचाने गए। उन्होंने पाइप ऑर्गन्स के जटिल मैकेनिज्म को करीब से पहचाना।'