Facebook, security, and privacy: सोशल नेटवर्किंग साइड फेसबुक यूजर्स के डेटा की सिक्योरिटी को लेकर बीते कुछ वक्त से आलोचनाओं के केंद्र में रहा है। बड़ा विवाद उस वक्त हुआ, जब 2018 में एक पॉलिटिकल कंसलटेंसी फर्म कैंब्रिज एनालिटिका ने माना कि उसने एक ऐसा ऐप इस्तेमाल किया है, जिससे करीब 9 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारियां खतरे में पड़ गईं। अब फेसबुक ने 21 मार्च को खुद कबूला कि उसके इंटरनल सर्वर पर करोड़ों यूजर्स का पासवर्ड सादे टेक्स्ट के तौर पर सेव हैं। यानी फेसबुक के कर्मचारी आसानी से इन पासवर्ड्स को पढ़ सकते हैं।

फेसबुक के इंजीनियरिंग, सिक्योरिटी ऐंड प्राइवेसी के वाइस प्रेसिडेंट पेड्रो कैनाहॉटी ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा, ‘यह साफ है कि ये पासवर्ड फेसबुक के बाहर से किसी को नहीं दिखाई देंगे। हमें अभी तक इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि अंदर के किसी शख्स ने इन पासवर्ड का गलत इस्तेमाल किया या इन्हें एक्सेस किया।’ उनके मुताबिक, इस बड़ी सुरक्षा खामी के बारे में इस साल की शुरुआत में एक रूटीन सिक्योरिटी रिव्यू के दौरान पता चला। कैनाहॉटी के मुताबिक, कंपनी करोड़ों फेसबुक लाइट यूजर्स और अन्य एफबी यूजर्स के अलावा इंस्टाग्राम इस्तेमाल करने वाले बहुत सारे उन लोगों को सूचित करके आगाह कर सकती है, जिनके पासवर्ड्स निशाना बन सकते हैं। बता दें कि फेसुबक, इंस्टाग्राम और कंपनी के अन्य मैसेजिंग एप्लिकेशन पर 2.7 अरब से ज्यादा लोग सक्रिय हैं।

सिक्योरिटी न्यूज वेबसाइट क्रेब्स ऑन सिक्योरिटी डॉट कॉम के ब्रायन क्रेब्स ने एक अनाम फेसबुक सूत्र के हवाले से दावा किया कि आंतरिक जांच में अभी तक 60 करोड़ यूजर्स के पासवर्ड प्लेन टेक्स्ट में सेव होने की बात सामने आई है। इन पासवर्ड्स को फेसबुक के 20 हजार कर्मचारी आसानी से सर्च करके हासिल कर सकते हैं। फेसबुक का कबूलनामा भी क्रेब्स के रिपोर्ट के बाद ही सामने आया है। फेसबुक ने यह भी कहा है कि सोशल नेटवर्क यूजर्स अपने अकाउंट की सुरक्षा के लिए जटिल पासवर्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं।