देश में लगातार साइबरक्राइम के मामले बढ़ रहे हैं। ओडिशा में भी साइबरक्राइम के मामलों में लगातार तेजी देखी गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए ओडिशा पुलिस ने पब्लिक चार्जिंग स्टेशन में मोबाइल फोन चार्ज ना करने की सलाह दी है। ओडिशा पुलिस का कहना है कि सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन पर मोबाइल चार्जिंग से फोन में मैलवेयर इंस्टॉल होने का खतरा है। ओडिशा पुलिस ने एक एडवाजरी जारी की है।

पुलिस ने पब्लिक चार्जिंग स्टेशन पर मॉर्डन गैजेट्स के जरिए मोबाइल फोन से चोरी होने की संभावना जताई है और यही कारण है कि ओडिशा पुलिस ने इस एडवाइजरी को आम लोगों के लिए जारी किया है।

‘juice jacking’ के जरिए चोरी हो रहा डेटा

ओडिशा पुलिस ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा, ‘मोबाइल चार्जिंग स्टेशन, यूएसबी पावर स्टेशन आदि जैसी सार्वजनिक जगहों पर अपने मोबाइल चार्ज ना करें। साइबर फ्रॉड मोबाइल से आपकी निजी जानकारी चुराने की कोशिश कर रहे हैं और आपको फोन में मैलवेयर इंस्टॉल कर रहे हैं।’

साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि मोबाइल से इस तरह की चोरी ‘juice jacking’ के जरिए संभव है। उनका कहना है कि साइबर फ्रॉड पब्लिक यूएसबी चार्जिंग स्टेशन में मैलवेयर लोड कर सकते हैं ताकि चार्जिंग के दौरान उन्हें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का एक्सेस मिल जाए।

पुलिस का कहना है कि कुछ लोग चार्जिंग के लिए अपने चार्जर या पावर बैंक इस्तेमाल करते हैं। लेकिन बहुत सारे लोग बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, मॉल और दूसरी जगहों पर पब्लिक चार्जिंग स्टेशन पर निर्भर होते हैं।

इससे पहले 4 सितंबर को ओडिशा पुलिस ने लोगों से सावधानी बरते को कहा था। पुलिस का कहना है कि हमेशा सतर्क रहें क्योंकि ये फ्रॉड आपके सिम कार्ड को एक्सेस कर सकते हैं या फिर इसे कॉपी कर सकते हैं।

पुलिस ने ट्वीट कर कहा, ‘ये फ्रॉड अधिकतर आपसे मोबाइल कंपनी के स्टाफ के तौर पर बात करते हैं और आपको सिम अपग्रेड या उसके बेनिफिट के लिए राजी करते हैं। इसलिए जागरुक रहें और cyber_safe रहें।’

बता दें कि भुवनेश्वर अर्बन पुलिस डिस्ट्रिक्ट में 2021 में करीब 146 साइबर क्राइम रिपोर्ट किए गए। वहीं 2020 में इनकी संख्या 108 थी।

(पीटीआई की खबर पर आधारित)