boycott chinese products, boycott chinese smartphones, made in india smartphones: भारत और चीन के बीच जब से तनाव बढ़ा है, खासकर सोशल मीडिया पर स्मार्टफोन समेत अन्य चीनी उत्पादों के बहिष्कार का मुद्दा चर्चा में है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि एंटी-चीनी विरोधी सेंटिमेंट कुछ हफ्तों तक ही बना रह सकता है उससे ज्यादा नहीं क्योंकि ग्राहकों के पास इस समय कोई भी अन्य विकल्प मौजूद नहीं है।

Canalys के रिसर्च डायरेक्टर Rushabh Doshi ने फोन पर द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि शॉर्ट टर्म में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि ग्राहकों को फोन खरीदना है और मार्केट में इस वक्त अधिकांश चीनी स्मार्टफोन हैं।

Rushab Doshi ने कहा कि Samsung के अलावा शायद ही ऐसा कोई अन्य ब्रांड हो जो चीनी स्मार्टफोन कंपनियों के समान प्राइस सेगमेंट में वैल्यू अलटर्नेटिव प्रदान करता हो। चीन विरोधी भावनाएं भारतीय बाजार के लिए कोई नई बात नहीं हैं।

लेकिन इसके बावजूद भी चीनी स्मार्टफोन निर्माताओं का दबदबा कायम है। भारत में टॉप पांच में Samsung ही एक ऐसी कंपनी है जिसका चीन से कोई जुड़ाव नहीं है। रिसर्च फर्म ने इस बात को हाइलाइट किया है कि Xiaomi पिछले लंबे समय से स्मार्टफोन मार्केट लीडर है।

वहीं BBK के स्वामित्व वाले ब्रांड जैसे की वीवो (Vivo), ओप्पो (Oppo) और रियलमी (Realme) 70 प्रतिशत से अधिक की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी के लिए प्रोडक्ट्स बनाते हैं। आईडीसी इंडिया के रिसर्च डायरेक्टर Navkendar Singh इस बात से सहमत हैं कि ग्राहकों के पास चीनी कंपनियों से फोन खरीदने के अलावा फिलहाल अन्य कोई दूसरा विकल्प मौजूद नहीं है।

उन्होंने अपनी बात को समझाते हुए कहा कि कस्टमर दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह प्योर वैल्यू गेम है और चीनी स्मार्टफोन कंपनियां इसे पूरा करने में सफल रही हैं। एक टॉप रिटेलर ने कहा कि चीन विरोधी भावनाओं ने चीनी ब्रांडेड फोन की बिक्री को प्रभावित नहीं किया है।

बता दें कि एक लोकप्रिय दक्षिण भारत स्थित स्मार्टफोन रिटेल चेन के टॉप कार्यकारी ने कहा कि इस हफ्ते चीनी स्मार्टफोन की बिक्री में किसी तरह की कोई गिरावट नहीं हुई है। भारत हाल ही में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग करना वाला देश बना है।

भारत में 200 से ज्यादा मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं। Xiaomi, Vivo और Oppo जैसे चीनी हैंडसेट निर्माता कंपनियों ने डिस्ट्रीब्यूशन चैनल, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और R&D सेंटर को सेटअप करने कर भारत में निवेश किया है।

कुछ कंपनियों की अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं तो वहीं कुछ कंपनियां स्मार्टफोन्स को एंसेंबल करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चर्स की सर्विस लेती हैं। चीनी कंपनियों के बहिष्कार का आह्वान करना विनाशकारी कदम साबित हो सकता है क्योंकि इससे पूरा स्मार्टफोन इकोसिस्टम ध्वस्त हो जाएगा और हजारों नौकरियां पर भी संकट आ सकता है।

Micromax ने हाल ही में इस बात की घोषणा की है कि कंपनी अगले कुछ दिनों में मार्केट में अपने नए स्मार्टफोन्स उतारने वाली है। रिटेल इंडस्ट्री से जुड़े एक सूत्र ने द इंडियन एक्सप्रेस को जानकारी दी है कि माइक्रोमैक्स के पास कुल 7 मॉडल पाइपलाइन में हैं। मतलब आने वाले दिनों में Micromax के सात हैंडसेट देखने को मिल सकते हैं।

गुरुग्राम स्थित यह कंपनी कभी भारत में टॉप मोबाइल फोन निर्माता थी लेकिन फिर चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां बजट सेगमेंट में अपने स्मार्टफोन्स लेकर आईं। Navkendar Singh ने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं है कि माइक्रोमैक्स, इंटेक्स और लावा एक दम से ग्रेट डिवाइस बनाना शुरू कर देंगे।

Airtel vs Jio vs Vodafone: हर रोज 2GB डेटा वाले प्लान्स, किस कंपनी के प्लान में है ज्यादा फायदा, जानें बेनिफिट्स

Tips and Tricks: बिना स्क्रीनशॉट लिए ऐसे सेव करें WhatsApp मैसेज, ये तरीका आएगा आपके काम