Astronauts Sunita Williams and Barry Wilmore Return Date Update: NASA के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर फंसे दो महीने का ज्यादा से वक्त हो चुका है। बोइंग के स्टारलाइन मिशन (Boeing Starliner mission) पर इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को 8 दिन के लिए भेजा गया था और 14 जून तक इन्हें धरती पर वापस लौटना था। लेकिन स्पेसक्राफ्ट में आई खामी के चलते अब इन दोनों की वापसी अनिश्चितकाल के लिए फिलहाल टल गई है।
आपको बता दें कि यह स्पेसक्राफ्ट 5 जून को लॉन्च हुआ था और थ्रस्टर्स में आई एक खामी व हीलियम लीक के चलते अब यह ISS पर फंस गया है। कुछ हफ्तों पहले खबर आई थी कि नासा इन सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर की वापसी के लिए SpaceX के Dragon स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल कर सकती है। लेकिन ऐसा सिर्फ फरवरी 2025 में ही संभव हो सकेगा यानी दोनों को करीब 6 महीने तक ISS पर रहना पड़ सकता है।
बता दें कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA अंतरिक्ष में फंसे इन यात्रियों को धरती पर वापस लाने के लिए कई दूसरे विकल्पों पर विचार कर रही है। इन दोनों के बारे में लगातार कई तरह की खबरें भी फैल रही हैं। इंटरनेट पर सुनीता विलियम्स और विल्मोर की बोन डेनसिटी कम होने, आंखों की रोशनी पर असर पड़ने और स्पेससूट के ठीक ना होने जैसी खबरें अटी पड़ी हैं।
फिलहाल नासा यह फैसला नहीं कर पाई है कि उसे खराब स्टारलाइनर से ही दोनों को वापस बुलाना चाहिए या फिर Boeing के प्रतिद्वन्दी SpaceX Dragon को भेजना चाहिए। Daily Mail की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस मिलिट्री में स्पेस सिस्टम कमांडर रहे Rudy Ridolfi ने नासा द्वारा वापसी के लिए स्टारलाइनर को चुने जाने पर, पैदा होने वाली तीन खतरनाक स्थितियों (Scenario) सिने के बारे में जिक्र किया है।
पहली स्थिति (Scenario 1): बहुत तेज रीएंट्री
रिपोर्ट के आधार पर, अगर थ्रस्टर फेल हो जाते हैं तो स्पेसक्राफ्ट में सिर्फ 96 घंटे का ऑक्सीजन और पावर ही बचेगा। अगर स्टारलाइनर के सर्विस मॉड्यूल रीएंट्री पर बहुत तेज कोण पर कैप्सूल को रखते हैं तो बढ़ी हुई टक्कर से हीट शील्ड फेल हो सकती है। ऐसा होने से असल में कैप्सूल वायुमंडल में ही जल जाएगा और उसमें सवार अंतरिक्ष यात्रियों को नुकसान होगा।
समझने वाली बात है कि बोइंग के स्टारलाइनर में मुख्य समस्या इसके सर्विस मॉड्यूल के साथ है जो इस पूरे शिप का कंट्रोल सेंटर है। सर्विस मॉड्यूल में वो सिस्टम है जो थ्रस्टर्स, वाटर, अंतरिक्ष यात्रियों के लिए ऑक्सीजन और पावर को कंट्रोल करता है। गौर करने वाली बात है कि सर्विस मॉड्यूल, पृथ्वी पर दोबारा एंट्री के लिए एक निश्चित एंगल पर है।
दूसरी स्थिति (Scenario 2): बेहद उथली रीएंट्री
Ridolfi के मुताबिक, अगर रीएंट्री के समय एंगल बहुत उथला रहता है तो कैप्सूल, पृथ्वी के वायुमंडल में आने पर यह तेजी से उछल सकता है औरवापस स्पेस की तरफ जा सकता है। इसका मतलब है कि दोनों अंतरिक्ष यात्री कक्षा (Orbit) में कहीं फंसे रह जाएंगे और फिर नासा को उन्हें ढूंढने और कैप्सूल का पता लगाने के लिए दोबारा संघर्ष करना होगा।
तीसरी स्थिति (Scenario 3): वापसी पर थ्रस्टर फेल्यर
ज़ाहिर है कि स्टारलाइनर के कई थ्रस्टर्स पहले ही फेल हो चुके हैं तो वापसी के दौरान ज्यादा थ्रस्टर्स के फेल होने का भी खतरा है। अगर ऐसा होता है तो दोनों अंतरिक्ष यात्री यानी सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर स्पेस में सीमित ऑक्सीजन और पावर के साथ रह जाएंगे। उनके पास थ्रस्टर्स को दोबारा सही करने और पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी के लिए करीब 96 घंटे होंगे।
रिपोर्ट में Ridolfi ने सुझाव दिया कि नासा को SpaceX के Crew Dragon कैप्सूल के साथ एक रेस्क्यू मिशन लॉन्च करने पर ही विचार करना चाहिए। उनका मानना है कि खराब स्टारलाइनर से ज्यादा बहतर विकल्प स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल है। उन्होंने नासा को हर संभव खतरने का विश्लेषण करने और दूसरे विकल्पों को प्राथमिकता देने को कहा ताकि अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी हो सके।