Apple to produce all new iPhone 17 models in India: ऐप्पल अपनी आने वाली iPhone 17 Series के सभी चारों मॉडल्स को भारत में बनाने के लिए तैयार है। एक रिपोर्ट में पता चला है कि भारत में फ्लैगशिप स्मार्टफोन के लॉन्च से पहले क्यूपर्टिनो की कंपनी देश में आईफोन 17 को भारत में ही मैन्युफैक्चर करेगी।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के घरेलू विनिर्माण (domestic manufacturing) को बढ़ावा देने के लिए, टेक दिग्गज अपनी पांच फैक्ट्री में iPhone 17 का उत्पादन भी बढ़ा रही है। बता दें कि कुछ फैक्ट्रीज को हाल ही में शुरू किया गया है।

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रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु के होसुर में टाटा ग्रुप का प्लांट और बेंगलुरु हवाई अड्डे के पास फॉक्सकॉन की प्रोडक्शन फैक्ट्री- दोनों को हाल ही में चालू किया गया। पहले से मौजूद यूनिट भी iPhone 17 का प्रोडक्शन करेंगी।

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार है जबकि ऐप्पल अपने आईफोन के सभी नए वेरियंट को भारत से ही प्रोड्यूस और शिप करेगी। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब ऐप्पल, ट्रंप प्रशासन की लगातार बदलती टैरिफ नीतियों से निपटने और अमेरिकी बाजार के लिए अपने स्मार्टफोन उत्पादन का बड़ा हिस्सा चीन से हटाकर भारत में शिफ्ट करने की दिशा में काम कर रही है।

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iPhone प्रोडक्शन में टाटा की 50 प्रतिशत तक हिस्सेदारी

ध्यान देने वाली बात है कि टाटा का नया प्लांट iPhone 17 के उत्पादन में शामिल होना इस बात की ओर भी इशारा करता है कि यह ग्रुप ऐप्पल का एक अहम पार्टनर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। फिलहाल, टाटा ग्रुप ही भारत में iPhone 17 असेंबल करने वाली एकमात्र भारतीय कंपनी है, क्योंकि अब तक ताइवान की फॉक्सकॉन (Foxconn) यहां ऐप्पल की प्रमुख कॉन्ट्रैक्टर रही है।

बता दें कि 2023 में टाटा ने कर्नाटक में स्थित Wistron Corp का ऐप्पल प्रोडक्शन प्लांट खरीद लिया था। इसके अलावा तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित Pegatron के प्लांट में भी टाटा की हिस्सेदारी है। रिपोर्ट के अनुसार, अगले दो सालों में टाटा के मालिकाना हक वाली फैसिलिटीज का भारत के iPhone उत्पादन में 50 प्रतिशत तक योगदान होने की उम्मीद है।

भारत से iPhone एक्सपोर्ट की वैल्यू काफी बढ़ गई है। हमारे सहयोगी इंडियन एक्सप्रेस ने पहले बताया था कि अमेरिकी स्मार्टफोन इम्पोर्ट में भारत की हिस्सेदारी 2025 के पहले पांच महीनों में बढ़कर लगभग 36 प्रतिशत हो गई, जो 2024 में लगभग 11 प्रतिशत थी। चीन प्रोडक्ट कैटेगिरी में अपना दबदबा कायम रखता है, उसी अवधि में उसकी हिस्सेदारी 82 प्रतिशत से गिरकर 49 प्रतिशत हो गई।

टैरिफ के बाद ऐप्पल का फैसला!

आपको बता दें कि अप्रैल में यूएसए के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत दुनियाभर के कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था। टैरिफ ऐलान के कुछ समय बाद अमेरिका ने फोन्स, कंप्यूटर्स और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स को टैरिफ से छूट दे दी थी।

हाल ही में ट्रंप ने रूस से कच्चा तेल खरीदने के चलते भारत पर 50 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ थोपा है। हालांकि, ऐप्पल आईफोन्स को अभी तक इस टैरिफ से बाहर रखा गया है। इससे पहले इसी महीने, ऐप्पल के CEO टिम कुक ने यूएस में 100 बिलियन डॉलर के नए निवेश करने की बात कही थी। इस निवेश का मकसद खासतौर पर अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग बेस को और मजबूत करना है।