Android Malware FakeCall Variant Hijacks Android Devices: ऐंड्रॉयड यूजर्स लगातार हैकर्स के निशाने पर रहते हैं। एब एक नए ऐंड्रॉयड मैलवेयर (Android Malware) के बारे में पता चला है जो आपके बैंक से आने वाले फोन कॉल को साइबर क्रिमिनल्स को रीडायरेक्ट कर देता है। FakeCall नाम के इस ऐप का आसान निशाना वो यूजर्स हैं जो नए-नए ऐप आजमाते रहते हैं और सावधान नहीं रहते हैं।
साल 2022 में सबसे पहले साइबर सिक्यॉरिटी फर्म Kaspersky ने इस मैलवेयर का पता लगाया था। अब हाल ही में FakeCall को नए वर्जन के साथ अपडेट किया गया है जिससे ये अटैकर्स दूर बैठकर आपके स्मार्टफोन का एक्सेस ले सकते हैं।
साइबर सिक्यॉरिटी फर्म Zimperium की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुाबिक, FakeCall के नए वर्जन में Vishing नाम की एक टेक्नीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, यह तकनीक Voice Phishing का शॉर्ट फॉर्म है। इस तरह की ठगी में ये साइबर ठग यूजर्स को फ्रॉड फोन कॉल और वॉइस मैसेज करते हैं और धोखे से पीड़ित लोगों से उनके क्रेडिट कार्ड नंबर, लॉगइन क्रेडेंशियल व दूसरी बैंकिंग डिटेल्स उगलवा लेते हैं।
कॉल का नियंत्रण मैलवेयर के हाथों में
कॉल का नियंत्रण मैलवेय के हाथों में
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जब ऐंड्रॉयड फोन यूज कर रहे यूजर्स अपने फोन में APK फाइल डाउनलोड व इंस्टॉल करते हैं तो FakeCall यूजर्स से डिफॉल्ट डायलर ऐप सेट करने के लिए कहता है। और एक बार जरूरी परमिशन मिलने के बाद यह मैलवेयर Accessibility सर्विस का इस्तेमाल करके आपकी डिवाइस का कंट्रोल ले लेता है और सभी आउटगोइंग व इनकमिंग कॉल को एक्सेस कर लेता है।
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अगर आप अपने बैंक को कॉल करते हैं तो यह रिप्रेजेंटेटिव की जगह साइबर क्रिमिनल्स को रीडायरेक्ट हो जाता है। इसके बाद ये यूजर से संवेदनशील जानकारी जैसे OTP व पासवर्ड पता करके उनके अकाउंट से पैसे चुरा लेते हैं। एक बार इंस्टॉल होने के बाद यह मैलवेयर आपकी स्क्रीन को भी रिकॉर्ड कर सकता है। इसके अलावा स्क्रीनशॉट लेने और डिवाइस को अनलसॉक व ऑटो-लॉक डिसेबल करने जैसे काम भी यह मैलवेयर कर सकता है।
ऐंड्रॉयड कॉल इंटरफेस जैसा FakeCall UI
ऐंड्रॉयड कॉल इंटरफेस जैसा FakeCall UI
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दूसरे मोबाइल मैलवेयर से अलग, FakeCall का पता लगाना बेहद मुश्किल है क्योंकि इसका फर्जी UI, असली बैंक फोन नंबर के साथ एकदम रियल ऐंड्रॉयड कॉल इंटरफेस की तरह दिखता है।
फेककॉल मैलवेयर उन वेबसाइटों के जरिए फैल रहा है जो Google Play Store का प्रतिरूपण करती हैं। जबकि साइबर सुरक्षा फर्म ज़िम्पेरियम (Zimperium) का कहना है कि मैलवेयर फैलाने के लिए 13 ऐप्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन इन ऐप्स के नामों की पहचान करना अभी बाकी है।
FakeCall से कैसे बचें?
फेककॉल से सुरक्षित रहने के लिए, सुनिश्चित करें कि आप ऐसे किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने से बचें जो Google Play Store या अन्य वेरिफाइड ऐप स्टोर से नहीं हैं।
ऐसे मोबाइल ट्रोजन से सुरक्षित रहने के कुछ अन्य तरीकों में हर हफ्ते अपने फोन को रीबूट करना और एंटीवायरस टूल का उपयोग करके डिवाइस को स्कैन करना शामिल है।