आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने आईटी और कई उन सेक्टरों पर गहरा असर पड़ा है जहां टेक्नोलॉजी एक अहम भूमिका अदा करती है। अब जबकि पिछले कुछ महीनों से IT कंपनियों में धड़ाधड़ छंटनी की खबरें आ रही हैं और कई हजार लोगों को AI के कारण नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है। लोगों के मन में यह सवाल है कि क्या AI का असर जल्द ही हेल्थकेयर सेक्टर पर भी पड़ेगा?
Google DeepMind के CEO डेमिस हसाबिस ने हेल्थकेयर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने वाली भूमिका पर एक नया दृष्टिकोण पेश किया है। उन्होंने सुझाव दिया है कि AI कुछ चुनिंदा डेटा-इंटेसिंव कामों में डॉक्टरों की जगह लेने की क्षमता रखता है।
‘ChatGPT पहुंचा सकता है आपको जेल…’ भूलकर भी ना पूछें ऐसे सवाल, जानें क्या है कारण और चेतावनी
लेकिन, इससे पहले कि आप चिंता करना शुरू करें, आको पता दें कि AI इंसानों की जगह नहीं लेगा। हसाबिस का कहना है कि एआई कभी भी नर्स की जगह नहीं ले सकेगा।
डॉक्टरों को रिप्लेस कर सकता है AI
हसाबिस का मानना है कि AI की ताकत इंसानी चिकित्सिकों की तुलना में ज्यादा तेजी और सटीकता के साथ स्कैन, टेस्ट रिजल्ट और रोगी की मेडिकल हिस्ट्री समेत बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण करने की क्षमता है। ऐनालाइज करने की इस क्षमता के चलते ही AI आने वाले समय में जांच और ट्रीटमेंट प्लानिंग में भूमिका निभाते हुए देख सकता है जिससे कुछ खास कामों में डॉक्टर्स को मदद मिलेगी और हो सकता है कि AI कुछ जगह पर उन्हें रिप्लेस भी कर दे।
हालांकि हसाबिस के मुताबिक, एक सबसे बड़ा फर्क है कि नर्सिंग में इंसान की जरूरत को कोई खत्म नहीं कर सकता। उन्हों इस बात पर जोर दिया कि नर्सिंग भूमिकाएं भावनात्मक समर्थन, शारीरिक देखभाल और मानवीय सहानुभूति में गहराई से निहित हैं – ऐसे गुण जिन्हें टेक्नोलॉजी दोहरा नहीं सकती, चाहे कितनी भी एडवांस क्यों न हो। हसाबिस का कहना है कि हालांकि एक रोबोटिक नर्स कुशल हो सकती है, लेकिन इसमें मरीजों के साथ भावनात्मक संबंध बनाने की क्षमता का अभाव होगा, जो देखभाल का एक महत्वपूर्ण और बुनियादी पहलू है।
यह परिप्रेक्ष्य इस बात पर प्रकाश डालता है कि एआई, स्वास्थ्य सेवा के भीतर बौद्धिक कामों में शानदार काम कर सकता है, लेकिन उच्च स्तर की इमोशनल इंटेलिजेंस की मांग करने वाले पेशे मानव-केंद्रित रहेंगे, जब तक कि वहां कोई बड़ी उपलब्ध और सफलता हासिल ना कर ली जाए।
AI और इंसान मिलकर आसान बनाएंगे कई काम
हसाबिस को उम्मीद है कि आने वाले समय में एक ऐसा वर्कप्लेस होगा जहां मनुष्य और एआई एक साथ काम कर रहे होंगे । एआई डेटा-ड्रिवन, दोहराव और ऐनालिटिकल प्रक्रियाओं को मैनेज करेगा, जिससे मनुष्य क्रिएटिव समस्या-समाधान, भावनात्मक बातचीत और नेतृत्व की जरूरत वाले सेक्टरों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उपलब्ध रहेगा। टेक्नोलॉजी सेक्टर में अधिकतर लीडर्स पिछले कुछ सालों से AI को अपनाने के बारे में यही कहते आ रहे हैं।
हसाबिस ने इन विकसित, एआई-ड्रिवन वातावरणों के लिए वर्कफोर्स को पर्याप्त रूप से तैयार करने के लिए रीस्किलिंग प्रोग्राम में एक्टिव इन्वेस्टमेंट के महत्व पर भी जोर दिया।