सरकार ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अश्लील सामग्री प्रसारित करने वाली 827 वेबसाइटों को ब्लॉक करने के लिए इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को निर्देश दिया। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 857 वेबसाइटों को ब्लॉक करने के लिए कहा है, जबकि मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी ने पाया कि 30 वेबसाइट्स पर कोई अश्लील सामग्री नहीं है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने आदेश में दी गई वेबसाइट की लिस्ट में मौजूद वेबसाइट्स को ब्लॉक करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम से कहा है। दूरसंचार विभाग द्वारा इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि, सभी लाइसेंस प्राप्त इंटरनेट सर्विस प्रवाइडर्स को यह निर्देश दिया जाता है कि वे हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए 827 वेबसाइट्स को ब्लॉक करने के लिए तुरंत कार्रवाई करें।
हाई कोर्ट ने 27 सितंबर को इस संबंध में आदेश जारी किया था। वहीं यह आदेश मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड आईटी को 8 अक्टूबर को मिला। यह आदेश डीओटी से 4 अगस्त के आदेश के जैसा ही है, जिसने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को उन वेबसाइटों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था, जिनमें बाल अश्लील सामग्री है। मई में उत्तराखंड उच्च न्यायालय को मूल शिकायत मिली थी।
इस आदेश का पालन करते हुए Reliance Jio ने इस ओर पहला कदम उठाया था। कंपनी ने अपने नेटवर्क पर कुछ वेबसाइट्स को ब्लॉक भी कर दिया था। हालांकि कंपनी ने इसके बारे में किसी तरह की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की थी। जियो की लांचिंग के 9 महीने बाद जून 2017 में नोएडा के वीडियो इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म Vidooly ने अपने अध्ययन में बताया था कि इस थोड़ी सी अवधि में अडल्ट वीडियो कंटेंट के ट्रैफिक में 75 फीसदी की तेजी आई। दुनिया की सबसे बड़ी अश्लील कंटेट की वेबसाइट ने तो भारत को अपना सबसे तेज बढ़ता बाजार बताया था। वेबसाइट की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार 2013 से 2017 तक भारत में उनकी वेबसाइट देखने वालों की तादाद 121 प्रतिशत बढ़ी।