छछूंदर चूहे जैसा दिखने वाला एक जीव है, लेकिन यह बिल्कुल अलग प्रजाति का है । हालांकि इसका रंग चूहे जैसा होता है, लेकिन बाल मखमली होते हैं। गर्दनविहीन छछूंदरों के कान छोटे होते हैं और पूछ लंबी। कुछ लोग छछूंदर को अंधा जीव मानते हैं जबकि वास्तव में वह ऐसा नहीं होता। हां, उसे दिखाई कम देता है। प्रकृति ने इन्हें आंखें दी हैं, लेकिन वे त्वचा और बालों से ढंकी होने की वजह से दिखाई नहीं देतीं । छछूंदर बिल खोदने में बड़े माहिर होते हैं। ये लंबी सुरंग बनाते हैं और उसी में रहते हैं । सुरंग की बनावट ऐसी होती है कि छछूंदर तो उसमें आ-जा सके, लेकिन कोई शत्रु या शिकारी जानवर उसमें प्रवेश नहीं कर सकता। प्रकृति ने इन्हें काफी नुकीले और मजबूत पंजे दिए हैं, जिनकी सहायता से बड़ी आसानी से सुरंग खोद लेते हैं। छछूंदर की अनेक प्रजातियां होती हैं। पच्चीस से अधिक प्रजातियां अकेले भारत में पाई जाती हैं। इनका अधिकांश जीवन सुरंगों में ही बीतता है। केवल भोजन की तलाश में ही ये बाहर निकलते हैं।
कीडे और केंचुए इनका प्रिय भोजन हैं। यही कारण है कि खेतों के आसपास ही ये सुरंग बनाते हैं ताकि भोजन की तलाश में लंबी दूरी तय न करनी पड़े । छछूंदर की अपनी बस्ती होती है जो किलेनुमा होती है। खोदने, बिल बनाने में ये बहुत फूर्ती दिखाते हैं। पलक झपकते ये बिल खोदकर उसमें समा जाते हैं। प्रकृति ने शत्रुओं से रक्षा करने के लिए इन्हें नुकीले दांत दिए हैं जो कि अपने से बड़े आकार के शत्रु को भी मार सकते हैं। इनका मुख्य शत्रु चूहा है। इनसे भूख बर्दाश्त नहीं होती। अगर एक दिन भी इन्हें भोजन नहीं मिले तो दम तोड़ देते हैं।
