कुछ कीट अक्सर बहुत छोटे होते हुए भी बहुत तेजी से डंक मारते हैं और तीखी पीड़ा देते हैं। ‘होर्ननेट’ एक बड़ा बर्रा यानी फड़फड़ाने वाला कीट है। इसके शरीर के अंतिम छोर पर डंक होते हैं। इसके डंक काफी तीव्र होते हैं। ‘बॉब्बर डायर’ नामक कीट अपने पिछले भाग से एक अति दुर्गंधयुक्त तरल पदार्थ निकालता है। जब कोई कीट या जीव अपने शरीर का रंग वातावरण के अनुरूप ढाल लेता है तो यह घटना ‘कैमोफ्लेग’ कहलाती है। टहनियों और पत्तियों पर रहने वाले कीट बिलकुल टहनियों और पत्तियों की तरह लगते हैं। टहनी वाले कीटों का शरीर चौड़ा चमटा होता है, इनका रंग पत्तियों जैसा ही होता है। ‘थ्रोन बग’ का शरीर कठोर और नुकीले आवरण से ढंका रहता है। यह टहनी पर इस प्रकार बैठा होता है कि वास्तविक कांटे की तरह लगता है यह अकसर रात में घूमता है और खाना खाता है।
‘शील्ड बग’ का शरीर चौड़ा चपटा पत्ती के समान होता है। इसका शरीर ढाल की आकृति का होता है, जो उसके चारों ओर पत्तियों के समान प्रतीत होता है। ‘हॉवर फ्लाई’ एक प्रकार का कीट है, जिसके शरीर पर काले या पीले रंग की पट्टियां पाई जाती हैं। यह एक प्रकार का उड़ने वाला कीट है। ‘मिमिक’ बहुरुपिया कीट है। इसके जहरीले डंक बहुत पीड़ा देते हैं। ‘हार्नेट मॉथ’ के डंक बहुत कष्टदायक होते हैं। कोई जीव इसे खाने की हिम्मत नहीं करता है। नर क्रिकेट्स जब अपने पंखों को एक साथ रगड़ते हैं, तो एक चिर्प की ध्वनि उत्पन्न होती है। ‘मिलीपीड’ को सहस्रपाद कीट भी कहा जाता है, इसके सौ से अधिक पादों की संख्या होती है। यह मुख्यत: पत्तियों, लकड़ियों और छालों को खाता है। ‘वुडलॉस’ के शरीर पर एक सख्त आवरण होता है और इसके सिर के अग्रभाग पर स्पर्श अंग होते हैं। इसे केकड़े का चचेरा भाई कहा जाता है। ०
