हवा भी एक रंग होता है
हम यह तब जानते हैं
जब एक रंग मिस्त्री को
काम करते हुए देखते हैं

पुरानी, जर्जर, उदास
इमारतों की मुस्कुराहट
यदि वापस लानी हो
तो बुलाओ एक अदद रंग मिस्त्री को

केवल वही जानता है
कि रंग में क्या जादू होता है
एक ब्रश के मारते ही
खिलने लगता है
दीवार का कुम्हलाया चेहरा

कि खिलना
केवल फूल का गुण-धर्म नहीं है।

सांतार
(तोड़ने वाला मिस्त्री)

शब्द र्इंट नहीं हैं
मगर विचार पलस्तर की तरह
झड़ने लगते हैं
एक हथौड़े के पड़ते ही

कविता में इतनी टूट-फूट होती है
कि वह पहचान में नहीं आती
लेकिन मलबा को देखने से
लगता है
कि अब भी कुछ रचा जा सकता है

कवि पहले सांतार है-
एक तोड़ने वाला मिस्त्री
अंत में जो बचता है
कविता के नाम पर
वह केवल शब्द और विचार का
मलबा है
तुम जिसे देखते हो कविता की तरह
लेकिन एक कवि
इसे कविता मानने से
इंकार करता है।

नल मिस्त्री

वह जो दर्पण-सी झिलमिल
नदी की नील धार है
उसे नल तक लाने में कितनी मशक्कत है
इसे आप समझ सकते हैं

वह इतनी चंचल है कि
जब-तब, यहां-वहां से बाहर
फूट पड़ना चाहती है
और एक नट के कसते ही
वह हो जाती है मौन

उसे तुम लाए हो
इस अधुनातन सभ्यता में
वह जो नदिया से बिछुड़ा पानी है
कौन समझ सकता है मेरे सिवा
उसका दर्द, उसका गुस्सा।

संगमरमर मिस्त्री

मैं संगमरमर मिस्त्री हूं
मैं दूसरे घरों में संगमरमर लगाता हूं
और स्वयं भूमि पर चलता हूं
क्योंकि यही है जो पांवों को पकड़ती है
मेरे तलुवे इसे पहचानते हैं
वह भी मुझे जन्म से जानती है
मां की तरह

संगमरमर मेरा पेशा है
मिट्टी मेरा धर्म।
राजमिस्त्री

रेत में सीमेंट और पानी का एक अनुपात है
मसाला ज्यादा गीला हो तो भद्द-भद्द
दीवार से गिरने लगता है
और ज्यादा सूखा हो तो
पलस्तर ठीक से जुड़ नहीं पाता

यानी बहुत गीला
या सूखा होना ठीक नहीं
दलदल में बीज सड़ जाते हैं
मरुभूमि में
उग नहीं पाते।

काठमिस्त्री

रंदा चलाओ
तो खुरदुरा काठ चिकना
हो जाता है

प्रेम एक रंदा है
आदमी का हृदय है
खुरदुरा काठ।