राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी की गई दया याचिका की स्थिति के अनुसार, घुमारे की दया याचिका राष्ट्रपति ने छह नवंबर, 2025 को खारिज की। अधीनस्थ अदालत ने घुमारे को दोषी ठहराते हुए 16 सितंबर, 2015 को मौत की सजा सुनाई थी। जनवरी 2016 में बंबई उच्च न्यायालय ने उसकी मौत की सजा को बरकरार रखा था।