15 अगस्त से कुछ ही दिन आई पहले देशभक्ति से सराबोर तिग्मांशु धूलिया की फिल्म रागदेश 1945 में आजाद हिंद फौज और ब्रिटिश शासन के वक्त की कहानी है। यह कहानी है भारतीय सेना के तीन ऐसे जवानों की, जिन पर देशद्रोह का आरोप लगता है और उनकी मदद को आगे आता है एक बीमार वकील (भुलाबाई देसाई)। फिल्म में इन तीन जवानों का किरदार निभा रहे हैं कुणाल कपूर, अमित साध और मोहित मारवा। फिल्म की कहानी का हर एक ताना बाना हकीकत के बहुत करीब रख कर बुना गया है जो कि फिल्म देखते वक्त साफ नजर आता है। फिल्म के पीछे 4 लोगों की रिसर्च टीम और दो राइटिंग टीम्स की मेहनत और लगन है जो कि आपको महसूस होती है।
फिल्म में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की नीतियों और आजाद हिंद फौज की कार्य प्रणाली को दिखाने की कोशिश की गई है। “पान सिंह तोमर” और “साहब बीवी और गैंग्सटर” जैसी फिल्में बना चुके तिग्मांशु धूलिया का निर्देशन कमाल का है। एक्टिंग के मामले में कुणाल कपूर, अमित साध और मोहित मारवाह अपना काम अच्छी तरह किया है। फिल्म में एक ही गाना है ‘कदम कदम बढाए जा’, जिसके अंतरों को अलग-अलग वक्त पर जरूरत के मुताबिक पेश किया गया है। फिल्म के निगेटिव प्वॉइंट्स की बात करें तो फिल्म की एडिटिंग में थोड़ी दिक्कत नजर आती है। फर्स्ट हाफ काफी स्मूथ है लेकिन दूसरे हाफ में फिल्म लंबी लगने लगती है और दर्शकों को बांध कर रख पाने में नाकाम नजर आती है।
इसके अलावा इतिहास के बारे में जानकारी रखने वालों को तो फिल्म मजेदार लगती है लेकिन ऐसे लोगों को जिन्हें इतिहास की जानकारी नहीं है उन्हें फिल्म में डाले गए ढेरों फैक्ट्स और फिगर्स बोझिल और भारी-भरकम लगते हैं। पहले दिन में फिल्म के 10-12 करोड़ की कमाई करने के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि इसके साथ ही रिलीज हुईं फिल्म मुबारकां और इंदु सरकार तिग्मांशु धूलिया को टक्कर देंगी।
राग देश फिल्म रिव्यू
निर्देशक- तिग्मांशु धूलिया
निर्माता- तिग्मांशु धूलिया
स्क्रीनप्ले- तिग्मांशु धूलिया
म्यूजिक निर्देशक- धर्मा विश
अवधि: 2 घंटा 17 मिनट