ये एक दलित विमर्श पर आधारित फिल्म है और इसकी पृष्ठभूमि बिहार के सुदूर इलाके की है। यह फिल्‍म ग्रामीण समाज में दलितों की हालत बयान करती है। धवल (संजय सूरी) गांव का दबंग शख्स है। उसी गांव में धनिया (तनिष्ठा चटर्जी) नाम की दलित महिला भी रहती है। धवल धनिया के बेटे बंजरंगी (ऋद्धि सेन) की पढाई का खर्च उठाता है। बदले में उसका शारीरिक शोषण करता है। धनिया का दूसरा बेटा संतू गांव में रहता है औऱ मवेशियों की देखभाल करता है। संतू भी बजरंगी की तरह पढ़ाई करना चाहता है। बजरंगी जब छुट्टियों में घर आता है तो पाता है कि संतू को धवल की बेटी मोना (एना साहा) से इश्क हो गया है। संतू मोना को प्रेमपत्र भेजता है। यहीं से साफ हो जाता है कि फिल्म की कहानी में टि्वस्‍ट आएगा। आखिर एक दलित का बेटा गांव की ऊंची जांति के शख्स की बेटी से इश्क कैसे कर सकता है?

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निर्देशक विकास रंजन मिश्रा ने भारत के उस इलाके को चित्रित किया है, जहां पारंपरिक जातिवादी ढांचा अब भी बरकरार है। जहां अब भी ऊंची जाति के लोगों द्वारा पिछड़ी जातियों पर जुल्‍म किए जाते हैं। फिल्‍म में संजय सूरी एक दबंग शख्स के रूप में सामने आते हैं और तनिष्ठा चटर्जी भी अपने चरित्र में सहज लगी हैं। `चौरंगा’ फिल्म फेस्टिवलों में काफी तारीफ बटोर चुकी है। कहा जा रहा है कि ये वास्तविक घटना पर आधारित है।

निर्देशक- विकास रंजन मिश्रा

कलाकार-संजय सूरी, तनिष्ठा चटर्जी, ऋद्धि सेन, सोहम मैत्रा, एना साहा, धृतिमान चटर्जी