1920 London फिल्म के निर्देशक भले टीनू सुरेश देसाई हों पर मुख्य रूप से ये फिल्म विक्रम भट्ट ‘मार्का’ है जो इसके निर्माता हैं। यह हॉरर फिल्म है लेकिन ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। इसे देखकर दर्शकों को ज्यादा डर नहीं लगेगा। हां, अफसोस जरूर करेंगे कि इसे देखने में इतना पैसा क्यों खर्च किया। अगर इसकी कोई खास बात है तो सिर्फ ये कि इसमे शरमन जोशी हैं, जो एक अच्छे अभिनेता हैं। फिल्म में शरमन ने बाबा की भूमिका निभाई है। लेकिन शक यह है कि क्या वे खुद इस मूवी को याद रखना चाहेंगे?
फिल्म की कहानी कुछ यूं है कि राजस्थानी मूल के लंदन में रहने वाले दंपत्ति शुभांगी (मीरा चोपड़ा) और वीरजी (विशाल करवाल) को अचानक एक दिन एक नेकलेस मिलता है। इसके बाद वे अचानक संकट में आ जाते हैं। लगता है कि वे दुष्ट ग्रहों के चक्कर में आ गए हैं। इससे निजात दिलाने की सिर्फ एक शख्स क्षमता रखता है जय (शरमन जोशी), जो एक बाबा है। लेकिन ठहरिए, मामला सिर्फ तंत्र-मंत्र का नहीं है। इसमें प्रेम का भी मामला है। जय और शुभांगी के आपसी रिश्ते कभी रोमांटिक किस्म के थे। लेकिन समाज और परिवार ने उसे स्वीकार नहीं किया। अब जय क्या करेगा और कैसे करेगा यानी अपनी पूर्व प्रेमिका को संकट से कैसा निकालेगा-यही इस फिल्म का केंद्रीय रहस्य है।
फिस्म हॉरर जरूर है, लेकिन इसमें गाने भी हैं और रोमांटिक सीन भी हैं। इसी वजह से यह मुकम्मल हॉरर फिल्म बनने से रह गई है। शरमन जोशी जरूर अपनी भूमिका में जमें हैं पर बाकी के दो कलाकार- मीरा चोपड़ा और विशाल करवाल बेहद कमजोर साबित हुए हैं। हॉरर की विधा भारत में वैसे भी बहुत कमजोर रही है। ऐसी कुछ फिल्में जरूर अच्छी रही है पर बाकी चल नहीं पाती हैं। जो हॉरर फिल्म में हंसना भी चाहें वे इसे खुशी से देख सकते हैं।
निर्देशक-टीनू सुरेश देसाई
कलाकार-शरमन जोशी, मीरा चोपड़ा, विशाल करवाल