Year ender 2024: साल 2024 का आखिरी माह दिसंबर के कुछ ही दिन बचे हैं। इसके जाते ही नए साल 2025 की शुरुआत हो जाएगी। हर कोई जानना चाहता है कि नए साल में उनका भविष्य कैसा रहने वाला है। उनके जीवन में क्या घटनाएं हो सकती है। इसके अलावा साल 2025 में कौन-कौन से व्रत त्योहारों से ग्रहण पड़ रहे हैं। आप सभी को नए साल के आरंभ होने का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन बात करें इस साल 2024 की , तो कई ऐसी धर्म से संबंधित घटनाएं हुई है जिसका ज्योतिष में काफी अधिक महत्व है। इसी क्रम में हम बात करेंगे, साल 2024 में पड़ने वाले ग्रहण की।

आमतौर पर ग्रहण यानी सूर्य और चंद्र ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है। लेकिन इसका ज्योतिषीय महत्व भी काफी अधिक होता है। धार्मिक और ज्योतिष दृष्टि से बात करें, तो ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा या फिर सूर्य राहु और केतु के साथ आ जाते हैं। ऐसे में चंद्रमा और सूर्य को काफी कष्ट होता है। इसलिए इसे ज्यादा शुभ नहीं माना जाता है।

हर साल की तरह की 2024 में कुल 4 ग्रहण लगे थे। जिसमें से 2 सूर्य और 2 चंद्र ग्रहण थे। लेकिन इस साल के ग्रहण काफी खास थे, क्योंकि ये खास व्रत- त्योहारों पर ही पड़े हैं।

2024 में कब-कब किस व्रत-त्योहारों पर रहा ग्रहण का साया

चंद्र ग्रहण 2024

साल 2024 के पहले चंद्र ग्रहण की बात कर लेते हैं। बता दें कि साल 2024 में कुल 2

चंद्र ग्रहण पड़े थे और दोनों ही हिंदू धर्म के मुख्य व्रत त्योहारों में पड़े थे।

पहला चंद्र ग्रहण 2024

साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च 2024 को पड़ा था, जो कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी होली के दिन पड़ा था। सुबह 10:23 से लेकर दोपहर बाद 3:02 बजे तक था। सुबह के समय होने के कारण ये भारत में नहीं दिखाई दिया था। इसलिए भारत में सूतक काल मान्य नहीं हुआ था।

दूसरा चंद्र ग्रहण 2024

साल 2024 के दूसरे चंद्र ग्रहण की बात करें, तो 18 सितंबर को लगा था। ये भी दिन के समय होने के साथ खंडग्रास ग्रहण था। इसलिए ये भारत में नजर नहीं आया था। जिसके कारण सूतक काल नहीं लगा था। बता दें कि ये चंद्र ग्रहण पितृपक्ष की शुरुआत के दिन लगा था।

सूर्य ग्रहण 2024

2024 का पहला सूर्य ग्रहण

साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल 2024 को लगा था। इस दिन से चैत्र नवरात्रि भी आरंभ हुई थी। बता दें कि ये सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात 9:12 से शुरू होकर मध्य रात्रि 1:25 पर समाप्त हो गया था। रात के समय होने के कारण भारत में सूर्य ग्रहण नजर नहीं आया था। इसके साथ ही चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि रात को 11 बजकर 50 मिनट से आरंभ हुई थी। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से आरंभ हुई थी।

दूसरा सूर्य ग्रहण 2024

साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण भी नवरात्रि के दिन ही लगा था। बता दें कि ये सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2024 को लगा था। रात को 9 बजकर 14 मिनट से आरंभ होने के कारण भारत में नजर नहीं आया था। इस कारण सूतक काल नहीं लगा था। इस दिन आश्विन माह के कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि थी, जोकि पितृ पक्ष का आखिरी दिन था। इसके अगले दिन ही शारदीय नवरात्रि आरंभ हो गई थी।