हिंदू धर्म में होने वाले तमाम पूजा-पाठ के बाद आरती की जाती है। आपने आरती में कपूर जलाते हुए देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कपूर जलाकर ही आरती क्यों की जाती है? आरती में कपूर के इस्तेमाल करने का क्या फायदा है? यदि नहीं तो हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं। कपूर को एक बेहद ही पवित्र पदार्थ माना गया है। कहते हैं कि कपूर जलाने से आसपास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे लोगों का तनाव दूर होता है और वे काफी अच्छा महसूस करते हैं। माना जाता है कि कपूर से निकलने वाली सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास पैदा करती है। इससे वह शख्स अपने लक्ष्यों को हासिल करने में बड़ी प्रसन्नता के साथ आगे बढ़ता है।
आरती में कपूर जलाने की परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है। इसे शुभ कार्य माना गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि देवी-देवता की आरती में कपूर जलाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इससे व्यक्ति के जीवन का अंधकार(अज्ञानता) दूर हो जाता है। ऐसा व्यक्ति अपने जीवन में धार्मिक पथ पर चलने लगता है। और वह समाज कल्याण के कार्यों में लग जाता है। इससे उसे समाज में काफी मान-सम्मान हासिल होता है। साथ ही उस पर ईश्वर की कृपा भी बनी रहती है।
कपूर जलाने से पितृदोष खत्म होने की बात भी कही गई है। कहते हैं कि आरती में कपूर जलाने से व्यक्ति के पूर्वज काफी प्रसन्न होते हैं। साथ ही कपूर की आरती को घर प्रत्येक कोने में ले जाने की सलाह भी दी गई है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर की दरिद्रता दूर होती है। घर के किसी सदस्य की मेहनत रंग लाती है। और उसकी नौकरी लगती है। पितृदोष के समाप्त होने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि भी आती है।