हम सबको बचपन से ही अपने जूते-चप्पल उल्टे रखने के लिए मना किया जाता रहा है। इसकी एक वजह तो यह मानी जाती है कि जूते-चप्पल उल्टे होने से घर की सुंदरता बिगड़ती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका वास्तु शास्त्र से भी गहरा कनेक्शन है। यदि नहीं तो आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। कहते हैं कि जूते-चप्पल उल्टे होने से घर में नकारात्मकता आती है। इससे घर के लोगों का तनाव काफी बढ़ जाता है। वास्तु के मुताबिक जूते-चप्पल उल्टे होने से घर की सकारात्मकता दूर चली जाती है। इससे परिवार की सुख-शांति में काफी बाधा आती है। इससे घर के सदस्यों का आत्मविश्वास कम हो जाने की मान्यता है जिससे उनकी उन्नति में बाधा आ जाती है।

मान्यता है कि घर में जूते-चप्पल उल्टा होने से बीमारियां भी आती हैं। कहते हैं कि ऐसे घर के लोगों की सेहत पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। इन लोगों की सेहत अक्सर खराब होती रहती है जिससे इन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कहा यह भी जाता है कि जिस घर में जूते-चप्पल उल्टे पड़े होते हैं, वहां से लक्ष्मी से दूर चली जाती हैं। ऐसे में उस परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। इन लोगों की आय के स्रोत सीमित होने और धनहानि होने की मान्यता है।

कहा जाता है कि घर के दरवाजे पर भूलकर भी जूते-चप्पल उल्टे नहीं रखने चाहिए। इससे घर के सदस्यों की सोच पर बुरा असर पड़ने की मान्यता है। कहतें हैं ऐसे घरों पर मेहमानों का आगमन भी नहीं होता और यह परिवार अकेलापन महसूस करने लगता है। इसके साथ ही घर की सुख-शांति खत्म हो जाने की भी बात कही गई है। कहते हैं कि ऐसे घरों में लोग एक सुखमय भरा जीवन नहीं जी पाते हैं।