हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले कई लोग अपने माथे पर विभूति लगाते हैं। आपने ऐसे लोगों को अपने आसपास देखा भी होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि माथे पर विभूति क्यों लगाई जाती है? इसे लगाने के क्या फायदे हैं? यदि नहीं तो हम आपको इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं। विभूति एक प्रकार की राख है। हिंदू धर्म में इसे बहुत पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म में कुल दो तरह की पवित्र राख इस्तेमाल की जाती है। इसमें एक को भस्म कहते हैं जोकि श्मशान भूमि से प्राप्त की जाती है। वहीं एक अन्य पवित्र राख को गाय के सूखे हुए गोबर या चावल की भूसी में कुछ और पदार्थ डालकर बनाया जाता है। साधु-संत इस राख को बड़ी ही आस्था के साथ इस्तेमाल करते हैं।
कहते हैं कि माथे पर विभूति लगाने से व्यक्ति के अंदर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इससे वह शख्स सकारात्मक विचारों को धारण करता है। माना जाता है कि विभूति लगाने वाला शख्स मानसिक रूप से बहुत ही शांत होता है। कहते हैं कि ऐसा शख्स घबराता नहीं है और अपने जीवन में काफी सोच-समझकर फैसले लेता है। विभूति लगाने से आसपास के वातावरण में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने की बात कही गई है। इससे माहौल खुशनुमा बना रहता है।
पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि भगवान शिव अपने पूरे शरीर पर भस्म लगाते थे। इससे वह इस बात का संकेत देते थे कि यह सृष्टि नश्वर है। साथ ही सृष्टि सीमित भी है। ऐसे में इस पर निवास करने वालों को कभी भी किसी चीज का घमंड नहीं करना चाहिए। इस सृष्टि पर कुछ भी स्थायी नहीं है और एक दिन सबकुछ समाप्त हो जाएगा। ऐसे में व्यक्ति को अपना जीवन ईश्वर की साधना में गुजारना चाहिए।