Right way to Wear Pearl Ring : वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए रत्न और मंत्रों का वर्णन मिलता है। साथ ही रत्न किसी भी ग्रह की शक्ति को बढ़ा सकता है। इसलिए रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। यहां हम बात करने जा रहे है मोती रत्न के बारे में, मोती रत्न का संंबंध चंद्र ग्रह से है। इस रत्न का संबंध मां लक्ष्मी से भी माना जाता है। माना जाता है कि अगर आपको नकारात्मक ख्याल आ रहे हैं, तो भी मोती की शीतला आपके उग्र और नकारात्मक विचारों को दूर करने में मदद करती है। साथ ही मन शांत रहता है। आइए जानते हैं मोती पहने के क्या लाभ होते हैं और इसे धारण करने की सही विधि क्या है…

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ऐसे होता है मोती रत्न

मोती का उत्पादन मोलास्क या घोंघे के द्वारा होता है। यह पारभासी से लेकर अपारदर्शी होता है। इसकी रिलेटिव डेन्सिटी 2.60 से 2.78 तक होती है, लेकिन काले मोती की रिलेटिव डेन्सिटी थोड़ी-सी ज्यादा होती है। वहीं सबसे अच्छा मोती साउथ सी माना जाता है।

ये लोग धारण कर सकते हैं मोती

वैदिक ज्योतिष के मुताबिक मेष ,कर्क ,वृश्चिक और मीन लग्न के लिए मोती धारण पहनना लाभदायक माना जाता है। वहीं अगर चंद्रमा की महादशा चल रही हो तो भी मोती पहन सकते हैं।चंद्रमा अगर जन्म कुंडली में 6, 8 या 12 भाव में स्थित है तब भी आप मोती धारण सकते हैं। कुंडली में अगर चंद्रमा कमजोर स्थिति में है तो भी चंद्रमा का बल बढ़ाने के लिए मोती धारण कर सकते हैं। मोती के साथ नीलम और गोमेद पहनने से बचना चाहिए। 

मोती धारण करने के लाभ

मोती का संबंध मांं लक्ष्मी से माना जाता है। इसलिए मोती पहनने से व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इससे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। वहीं जिन लोगों को गुस्सा ज्यादा आता है उनके लिए भी मोती धारण करना बेहद शुभ माना जाता है। मोती धारण करने से मन स्थिर रहता है और क्रोध भी कम आता है। इसे पहनने से जीवन में आत्मविश्वास और मनोबल की वृद्धि होती है। आप अगर जीवन में शांति और समृद्धि बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको मोती जरूर धारण करना चाहिए। आप अगर तेज बुद्धि चाहते हैं, तो भी मोती पहनने से आपको फायदे मिल सकते हैं।

इस विधि से करें मोती धारण

मोती को चांदी की अंगूठी में, कनिष्ठा अंगुली में शुक्ल पक्ष के सोमवार की रात्रि को धारण करें। क्योंकि रात को चंद्रमा की शक्तियां बढ़ जाती हैं। मोती को पूर्णिमा के दिन भी धारण किया  जा सकता है। मोती की अंगूठी को पहनने से पहले इसे कच्चे दूध या फिर गंगाजल में डुबाकर रखकर आपको हाथ जोड़कर चंद्र मंत्र ‘ओम श्राम श्रीम श्रौम सः चंद्रमसे नमः’ का 108 बार जाप करना चाहिए। 

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