ज्योतिष शास्त्र में जन्म लग्न को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। ज्योतिष में व्यक्ति के जन्म लग्न के आधार पर कई सारी जानकारियां हासिल की जा सकती हैं। ज्योतिष शास्त्र में यह माना जाता है कि जन्म लग्न के आधार पर ही व्यक्ति का रंग निर्धारित होता है। आपके गोरे, काले या सांवले होने की वजह जन्म लग्न को ही माना गया है। इसके अलावा जन्म लग्न से व्यक्ति की लंबाई के निर्धारित होने की भी मान्यता है। जी हां, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक आपके जन्म लग्न से ही यह तय होता है कि आपकी लंबाई कितनी होगी। इसके साथ ही आपकी सेहत का भी जन्म लग्न से गहरा संबंध बताया गया है। माना जाता है कि व्यक्ति के जन्म लग्न से ही यह तय हो जाता है कि उसकी सेहत कैसी होगी।
ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की चाल को काफी अहम माना जाता है। कहते हैं कि जन्म लग्न से ही यह निर्धारित हो जाता है कि कौन सा ग्रह व्यक्ति के लिए लाभदायक होगा और कौन सा हानिकारक। ऐसे में इसकी जानकारी हासिल करके अपने कमजोर ग्रहों को मजबूत किया जा सकता है। बता दें कि ज्योतिष में जन्म लग्न के साथ ही चंद्र कुंडली और सूर्य कुंडली के अध्ययन को काफी जरूरी माना गया है। कहते हैं कि केवल जन्म लग्न से व्यक्ति की समस्त जानकारियां हासिल नहीं की जा सकती हैं।
मालूम हो कि ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली, चंद्र कुंडली और सूर्य कुंडली के अध्ययन को किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए अनिवार्य बताया गया है। कहते हैं कि जन्म कुंडली, चंद्र कुंडली और सूर्य कुंडली के दशम भाव का स्वामी निर्णायक भूमिका निभाता है। माना जाता है कि दशम भाव के स्वामी से ही व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी तय होती है। ऐसे में कुंडली दशम की दशा का सही होना बहुत जरूरी माना गया है।