Garuda Purana in Hindi: गरुड़ पुराण का हिंदू धर्म में खास महत्व है। क्योंकि इसमें व्यक्ति के जीने से लेकर मरने तक का वर्णन किया गया है। वहीं गरुड़ पुराण के दो भाग हैं- पूर्वखण्ड तथा उत्तरखण्ड। पहले भाग में भगवान विष्णु की भक्ति का उल्लेख किया गया है और दूसरे भाग में प्रेत कल्प का विस्तार से वर्णन किया गया है। साथ ही गरुड़ पुराण 18 पुराणों में शामिल है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि व्यक्ति के प्राण शरीर के किन अंंगों से निकलते हैं और कौन से अंंग से शुभ माने जाते हैं… आइए जानते हैं…
गरुड़ पुराण के अनुसार हैं ये द्वार
गरुड़ पुराण में कुल 9 द्वार का वर्णन मिलता है, जो हैं- दोनों आंखें, दोन कान, मुख, नाक और उत्सर्जन अंग। जिसमें से किसी एक द्वारा से मृत्यु के दौरान व्यक्ति के प्राण निकलते हैं। इसमें से कुछ अंगों से प्राण निकलना शुभ माना जाता है। वहीं कुछ अंगों से अशुभ…
इन द्वार से प्राण निकलना माना जाता है शुभ
गरुड़ पुराण जो इंसान सदैव ईमानदारी और धर्म से चला है। साथ ही उसने अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा से निभाया है। वहीं उसने अपना पूरा जीवन भक्ति में लीन किया है। तो ऐसे व्यक्ति के प्राण नाक से निकलते हैं। नाक से प्राण निकालना बहुत ही शुभ माना जाता है। वहीं जिस व्यक्ति के कभी किसी का बुरा नहीं किया और किसी को सताया नहीं है, तो ऐसे प्राण मुख से निकलते हैं। इसलिए मुख से प्राण निकलना भी शुभ माना जाता है। गरुण पुराण के अनुसार ऐसे व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
इन द्वार से प्राण निकलना माना जाता है अशुभ
गरुड़ पुराण के अनुसार यदि कोई इंंसान कभी धर्म से नहीं चला हो और उसनें लोगों को खूब सताया हो। साथ ही उसने खूब बेइमानी की हो तो और जिस व्यक्ति ने अपना पूरा जीवन केवल धन-दौलत कमाने में लगा दिया हो, उस व्यक्ति के प्राण उत्सर्जन अंग यानी मल और मूत्र के द्वारा से निकलते हैं। इसे शुभ नहीं माना जाता। मान्यता है ऐसे व्यक्ति को नर्क प्राप्त होता है। वहीं ऐसे व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से सजा देना निश्चित होता है।