Astrology Gemstones: ज्योतिष के अनुसार जब किसी की कुंडली में कोई ग्रह प्रतिकूल प्रभाव डालता है तो उस व्यक्ति को उस ग्रह से संबंधित रत्न पहनने की सलाह दी जाती है। वैदिक ज्योतिष की मानें तो हर ग्रह का संबंध किसी न किसी रत्न से होता है और वैसे ही हर रत्न का किसी न किसी ग्रह से जुड़ा होता है। किसी भी मनुष्य के जीवन में भाग्य परिवर्तन जन्मपत्री में ग्रहों की दशा के अनुसार आता रहता है। ऐसे में अशुभ ग्रहों के प्रभाव को शुभ बनाने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं। इन्हीं उपायों में से एक है रत्नों को धारण करना, हालांकि इन्हें पहनने के समय कई बातों का ध्यान भी रखना चाहिए। नहीं तो इसका हमारे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। आमतौर पर लोग नीलम, मोती, मूंगा, पुखराज, हीरा, माणिक, गोमेद और लहसुनिया रत्न पहनते हैं। आइए जानते हैं कि छात्रों के लिए कौन-सा रत्न धारण करना सर्वोत्तम साबित हो सकता है-

पन्ना पहनना हो सकता है उपयोगी: ज्योतिषाचार्यों के अनुसार बुध ग्रह का रत्न माना जाने वाला पन्ना छात्रों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। उनके अनुसार पन्ना मन और मस्तिष्क को एकाग्रचित करने में मददगार होता है। इसको धारण करने से लोगों के दिमाग की कार्य-कुशलता बेहतर होते जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक पन्ना धारण करने वाले लोगों को पढ़ाई व शिक्षा संबंधी हर कार्य में कामयाबी मिलती है। ऐसा माना जाता है कि शैक्षणिक जीवन में बुध ग्रह बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में इस रत्न को धारण करना छात्रों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

इन क्षेत्रों में भी होता है फायदा: छात्रों के अलावा व्यापारियों के लिए भी पन्ना पहनना लाभकारी साबित हो सकता है। वहीं, ऐसा माना जाता है कि अकाउंटिंग से जुड़े लोग भी अपनी बेहतरी के लिए इस रत्न को पहन सकते हैं। इसके साथ ही ज्योतिष का मानना है कि इस रत्न को धारण करने से गणित से जुड़े कार्य करने में भी आसानी होती है। वहीं, एक्टिंग व मॉडलिंग से जुड़े जातकों को भी पन्ना पहनने की सलाह दी जाती है।

कब पहनना चाहिए: ज्योतिषियों की मानें तो पन्ना धारण करने का सबसे उचित समय शुक्ल पक्ष के बुधवार को सूर्योदय के बाद माना गया है। इस दिन सूर्यदेव के उगने के बाद अंगूठी को दूध, गंगा जल, शहद और शक्कर से शुद्ध करना चाहिए।  इसके बाद धूब दिखाएं और बुध देव से प्रार्थना करें। विशेषज्ञों के अनुसार ॐ बू बुधाय नम: का जाप करने के बाद अंगूठी को विष्णु जी के चरणों से स्पर्श कराकर कनिष्का में धारण करें। पन्ना धारण करने के 30 दिनों में प्रभाव देना आरम्भ कर देता है और करीब 3 वर्ष तक पूर्ण प्रभाव देकर निष्क्रिय हो जाता है।