हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित किए गए हैं। जैसे कि सोमवार के दिन भगवान शंकर, मंगलवार के दिन बजरंग बली और बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा की जाती है। कहते हैं कि दिन के हिसाब से पूजा करने पर भगवान जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। आज हम गणेश जी की बात करने वाले हैं। ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी की मूर्ति बुधवार को अपने घर में स्थापित करनी चाहिए। हालांकि इस दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखने की बात भी कही गई है। आज हम आपको इसी बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

कहा जाता है कि घर पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते समय इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि सूंड दाईं तरफ हो। इसके साथ ही मूर्ति की स्थापना इस तरीके से की जानी चाहिए कि गणेश जी की पीठ दिखाई ना दे। ऐसी मान्यता है कि गणेश जी की पीठ में दरिद्रता वास करती है। इसे देखने से घर पर आर्थिक तंगी आती है और परिवार की शांति चली जाती है। ऐसे में गणेश जी पीठ घर के बाहर की ओर होनी चाहिए।

ऐसी मान्यता है कि घर की दक्षिण दिशा अशुभ होती है। इसलिए गणेश जी की प्रतिमा को घर की दक्षिण दिशा में स्थापित करने के लिए मना किया जाता है। कहते हैं कि गणेश की मूर्ति को घर की पूर्व या पश्चिम दिशा में स्थापित करना शुभ रहता है। इसके साथ ही पूजा के कमरे को भी दक्षिण में होने से मना किया गया है। कहा जाता है कि गणेश जी की मूर्ति घर के टॉयलेट की दीवार के पास स्थापित नहीं की जानी चाहिए। घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में गणेश की मूर्ति स्थापित करना काफी शुभ माना जाता है।