Vaisakh Month: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र के बाद वैशाख का महीना आता है। कैलेंडर के अनुसार ये दूसरा महीना होता है। मान्यता है कि विशाखा नक्षत्र से संबंधित होने के कारण इस मास का नाम वैशाख पड़ा है। इस बार 28 अप्रैल से शुरू होकर 26 मई तक चलेगा। माना जाता है कि इस महीने में बगैर किसी रुकावट के शुभ कार्य पूरे किये जा सकते हैं। जानकारों का मानना है कि वैशाख महीने में भगवान विष्णु, परशुराम और देवी मां की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। बता दें कि ऋषि नारद ने कार्तिक और माघ के अलावा वैशाख माह को भी पावन और सबसे अच्छा बताया है। आइए जानते हैं विस्तार से –
क्या है इस महीने का महत्व: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में पवित्र स्नान से श्रद्धालु पिछले सभी पापों से मुक्त हो जाता है। नारद जी कहते हैं कि ब्रह्मा जी ने वैशाख माह को सभी मासों में सबसे उत्तम बताया है। माना ऐसा भी जाता है कि केवल इसी महीने में श्री बांके बिहारी जी के चरण दर्शन होते हैं। तीर्थ स्थान और दान-दक्षिणा के लिए भी ये महीना श्रेष्ठ है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस महीने में अगर लोग ब्रह्मा, विष्णु और महेश को केवल जल भी चढ़ाते हैं तो उससे भी त्रिदेव की कृपादृष्टि भक्तों पर बनी रहती है।
इस माह के व्रत त्योहार: इस पवित्र महीने में कई व्रत और त्योहार भी पड़ते हैं। अक्षय तृतीया से लेकर मोहिनी एकादशी भी इसी माह में होगा। पंचांग के मुताबिक गंगा सप्तमी, वरुथिनी एकादशी, परशुराम जयंती, शंकराचार्य जयंती नरसिम्हा जयंती, वृषभ संक्रांति, सीता नवमी, बुद्ध पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आते हैं।
किन बातों का रखें ध्यान: मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने वैशाख महीने में ही तिल का निर्माण किया था। इसलिए इनका प्रयोग इस महीने करना चाहिए जिससे विशेष फलों की प्राप्ति होती है।
इस महीने में कुछ नियमों का पालन करने से भी लोगों को लाभ मिलेगा। कोशिश करें कि सुबह जल्दी उठें और सूर्य देव के उगने से पहले स्नान ध्यान कर लें। इस महीने में त्रिदेव की पूजा और उन्हें जल अर्पित करें। दान करें, मान्यता है कि छाता दान करना अति उत्तम रहेगा।