हिंदू धर्म में रामायण को पवित्र ग्रंथ माना गया है। रामायण के मुताबिक लंका के राजा रावण का वध करने के बाद भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण, पत्नी सीता और अपनी सेना के साथ अयोध्या लौट आए। अयोध्या आने से पहले भगवान राम ने सीता की अग्नि परीक्षा ली, जिसमें माता सीता पास हो गई। अयोध्या लौटकर भगवान राम ने शासन संभाला। कुछ दिनों बाद माता सीता को भगवान राम से दूर होना पड़ा।
माता सीता के भगवान राम से दूर होने के कुछ सालों बाद भगवान राम ने अपना एक अश्व छोड़ा, जो दुनिया पर जीत का प्रतीक था। इस अश्व को रोकने की हिम्मत किसी में नहीं थी। भगवान राम का अश्व लगभग आधी दुनिया को पार कर चुका था। लेकिन भगवान श्री राम और माता सीता के पुत्रों ने अश्व को रोका और उसे बंधी बना लिया। इन दो पुत्रों के नाम थे लव और कुश। अश्व को छुड़ाने के लिए भगवान राम ने अपने कई योद्धाओं को भेजा। लेकिन लव और कुश ने सभी को हरा दिया। इन दोनों ने हनुमान जी को भी बंदी बना लिया।
अश्व को छुड़ाने के लिए खुद भगवान राम को आना पड़ा। दोनों में भीषण युद्ध होने की आशंका बढ़ गई। इस युद्ध की आशंका से सृष्टि के सारे देवता चिंतित हो गए। भगवान राम और उनके बेटों के बीच युद्ध रोकने के लिए हनुमान जी माता सीता के पास गए और उनसे इस युद्ध को रोकने की विनती की। हनुमान जी की बातें सुनकर माता सीता एक बाण को छोड़ती हैं। यह राम बाण था, जिसे भगवान राम ने अपने बेटों को दान किया था।
बाण को देखकर भगवान राम सीते-सीते पुकारने लगे। भगवान राम बार-बार माता सीता कहते हैं। इससे दोनों बच्चे हैरान हो जाते हैं कि श्रीराम हमारी माता को प्रिय सीते कहकर क्यों पुकार रहे हैं। तभी दोनों की लड़ाई बंद हो जाती है और भगवान राम रथ से नीचे उतरकर माता सीता से मिलने आगे की ओर बढ़ते हैं। इस तरह हनुमान जी ने लड़ाई को बंद कराकर सृष्टि को नष्ट होने से बचा लिया था।
(यह प्रसंग हम आपको टीवी चैनल सोनी पर प्रसारित होने वाले शो ‘ संकट मोचन महाबली हनुमान’ के हवाले से बता रहे हैं।)