हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार हम सबके हाथ पर मुख्य रूप से तीन रेखाएं होती हैं। इन्हें ऊपर से क्रमश: हृदय रेखा, मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा के नाम से जाना जाता है। लेकिन कुछ लोगों के हाथ पर केवल दो रेखाएं ही पाई जाती हैं। एक जीवन रेखा और दूसरी वाली रेखा हृदय और मस्तिष्क से मिलकर बनी होती है। आज हम आपको ऐसे ही लोगों के बारे में बताएंगे कि हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार इसका क्या मतलब होता है। उससे पहले बता दें कि हृदय रेखा व्यक्ति के भावुक स्वभाव को दर्शाती है। वहीं, मस्तिष्क रेखा व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता को प्रकट करती है। इसके अलावा जीवन रेखा जिंदगी और मौत से जुड़ी तमाम बातों की ओर संकेत करती है।
सामान्य तौर पर व्यक्ति के हाथ की हृदय और मस्तिष्क रेखाओं के एक हो जाने को अच्छा माना जाता हैं। कहते हैं कि ऐसा होने पर व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह से समर्पित हो जाता है। हस्तरेखा के मुताबिक, ऐसे लोग अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए हृदय और मस्तिष्क को एकसाथ मिलाकर चलने लगते हैं। इसका तात्पर्य यह है कि इन्हें इनके टारगेट से भटका पाना आसान नहीं होता और ये लोग सफलता हासिल करने के बाद ही चैन की सांस लेते हैं।
हस्तरेखा विज्ञान में ऐसे लोगों को मानसिक रूप से बहुत मजबूत बताया गया है। कहते हैं कि ये लोग छोटी-छोटी घटनाओं से विचलीत नहीं होते और काफी दृढ़ता के साथ डटे रहते हैं। इसके साथ ही इनका स्वभाव थोड़ा गुस्सैल भी होता है। दरअसल जब इन्हें इनका टारगेट हासिल नहीं होता तो इनको काफी क्रोध आता है। हालांकि यह क्रोधित क्षणिक होता है। ऐसा कहा जाता है कि ये लोग काफी बुद्धिमान प्रवृत्ति के होते हैं। ऐसे में इन्हें बेवकूफ बना पाना आना नहीं होता। इनके पास कम लेकिन अच्छे दोस्त होने की मान्यता है।