हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही पवित्र माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि सावन का महीना व्यक्ति के विचार, भविष्य और भाग्य को बदलने वाला होता है। कहते हैं कि जो लोग सावन में पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। शिव जी उनकी मनोकामनाएं जरूर पूरी करते हैं। मालूम हो कि सावन में शिवलिंग की पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है। रामायण में ऐसा उल्लेख मिलता है कि भगवान राम ने युद्ध में जाने से पहले शिवलिंग की पूजा की थी। कहते हैं कि इससे राम को शिव का आर्शीवाद मिला था। ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव के दसों रूपों की पूजा हो जाती है।

कहते हैं कि भगवान राम ने रेत और जल से शिवलिंग का निर्माण किया था। और उन्होंने बड़ी ही श्रद्धाभाव के साथ इसकी पूजा की थी। बताते हैं कि राम की श्रद्धा से प्रसन्न होकर शिव जी ने उन्हें युद्ध में विजय का आर्शीवाद दिया था। दूसरी तरफ, रावण ने भी युद्ध में जाने से पहले शिवलिंग की पूजा की थी। लेकिन रावण की पूजा में घमंड बहुत ही ज्यादा था और श्रद्धा नदारद थी। माना जाता है कि इसी वजह से शिव ने रावण का साथ नहीं दिया था।

ऐसे में कहा जाता है कि सावन माह में शिवलिंग की पूजा करने से जीवन में काफी सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। मान्यता है कि शिव के प्रसन्न होने पर भक्त की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। कहते हैं कि सावन में शिव की आराधना करने से रुके हुए कार्य पूरे हो जाते हैं और नए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। ऐसा भी कहा जाता है कि सावन में शिव की पूजा करने से मन के सारे नकारात्मक विचार खत्म हो जाते हैं और व्यक्ति सकारात्मकता के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ने लग जाता है।