हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित हैं। ऐसा कहा जाता है कि दिन के हिसाब से पूजा करने पर भगवान जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी कृपा बरसती है। इस प्रकार से बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है। गणेश जी को बुद्धि का दाता बताया गया है। कहते हैं कि गणेश जी के प्रसन्न होने से भक्त को बुद्धि मिलती है। इससे व्यक्ति अपना जीवन काफी सुखी पूर्वक बिताता है। इसके साथ ही वह व्यक्ति अपने जीवन में ढेर सारा धन भी कमाता है। लेकिन बुधवार को गणेश जी की पूजा करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखने के लिए भी कहा गया है। आज हम आपको ऐसी ही कुछ बातों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
ऐसी मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करते समय कभी भी उन्हें तुलसी नहीं अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही गणेश जी को तुलसी की माला अर्पित करने के लिए भी मना किया गया है। कहते हैं कि एक बार गणेश किसी बात को लेकर तुलसी से नाराज हो गए थे। और गणेश ने तुलसी को श्राप दिया कि आप मेरी पूजा का हिस्सा नहीं बनेंगी। बताते हैं कि गणेश पूजा में मूर्तियों की संख्या विषम नहीं होनी चाहिए। हालांकि आप गणेश की 1 मूर्ति की पूजा कर सकते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि गणेश की पूजा करते समय उनकी पीठ का दर्शन नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि गणेश की पीठ में दरिद्रता वास करती है। कहते हैं कि गणेश की प्रतिमा सदैव आसन लगाकर स्थापित करनी चाहिए। इसके साथ ही प्रतिमा इस तरह से ना स्थापित की गई हो कि बार-बार हिल रही हो। बताते हैं कि गणेश की प्रतिमा के पास पितरों की तस्वीर स्थापित नहीं करनी चाहिए। इससे घर में नकारात्मकता आने की मान्यता है। इसके अलावा मूर्ति के ऊपरी हिस्से(छत) पर कोई भारी सामान रखने की मनाही है।