Mangal Astrology: ज्योतिष शास्त्र और वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह का बहुत महत्व बताया गया है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह ऊर्चा, साहत, पराक्रम, शौर्य, शक्ति आदि के कारक मानें जाते हैं। जातकों पर मगंल ग्रह का शुभ और अशुभ दोनों प्रभाव पड़ता है।

मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी होते हैं। जिस जातक की कुंडली में मंगल ग्रह शुभ प्रभाव में रहते हैं। उन्हें लाभ देते हैं लेकिन जिस जातक की कुंडली में यह अशुभ प्रभाव में होते हैं उन्हें संकट का सामना करना पड़ता है।

क्या है मांगलिक दोष (What is Manglik Dosha)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में मंगल ग्रह के कारण ही मांगलिक दोष बनता है। जिस जातक की कुंडली में मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, अष्टम और द्वादश भाव में होते हैं। उनकी कुंडली में मांगलिक दोष होता है। इसके कारण विवाह आदि में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष में इस दोष के उपाय भी बताए गए हैं। मान्यता है कि इन उपायों को करने से मांगलिक दोष दूर हो जाता है।

मंगल ग्रह शांति के उपाय (Mangal Grah Shanti ke Upay)

जिस जातक की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में हैं, उन्हें मंगलवार के दिन व्रत रखना चाहिए, हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। मंगलवार के दिन देसी घी का दीपक जलाकर सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। मूंगा रत्न धारण करने से भी लाभ मिलने की मान्यता है। वहीं दान भी करना चाहिए।

मंगल ग्रह दोष से होने वाले रोग (Mars Planet)

ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह दोष के जातक के स्वास्थ संबंधी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। मंगल ग्रह दोष से ट्यूमर, कैंसर, रक्त संबंधी आदि परेशानियां होती है।

मंगल ग्रह दोष से होने वाले रोग के उपाय (Mangal Grah)

-मंगलवार के दिन उपवास रखें।
-हनुमान जी की उपासना करें।
-गुड़ का सेवन करें।
-घड़े का पानी पीना भी फायदेमंद होता है।