देवी-देवता की पूजा करना कई लोगों की दिनचर्या का हिस्सा है। लेकिन कई बार ऐसा होता है जब हमारा पूजा-पाठ में मन ही नहीं लगता। क्या आप जानते हैं कि इसकी वजह आपकी जन्मकुंडली में ग्रहों की दशा खराब होना भी हो सकती है। जी हां, ज्योतिष शास्त्र की मानें तो कुंडली में कुछ ग्रहों की दशा खराब होने पर व्यक्ति का पूजा-पाठ से ध्यान भटकने लगता है। कहते हैं कि भगवान की भक्ति में मन रमने के लिए कुंडली में गुरु ग्रह का सही दशा में होना बहुत जरूरी है। कई लोगों की कुंडली में गुरु नीच भाव में चला आता है। मान्यता है कि ऐसा होने पर व्यक्ति पूजा-पाठ में आडंबर करने लगता है। कहते हैं कि ये लोग परेशान होने पर ही भगवान की पूजा करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कई बार कुंडली में गुरु ग्रह राहु के साथ युग्म बना लेता है। माना जाता है कि ऐसी दशा में भी व्यक्ति का मन सही अर्थों में भगवान की भक्ति में नहीं लग पाता। कहते हैं कि ये लोग भगवान को लालच देना शुरू कर देते हैं। इनका मानना होता है कि यदि भगवान ने मेरा यह काम करा दिया तो मैं उन्हें इस चीज का भोग लगाउंगा। ऐसा कहा जाता है कि इन लोगों की दिखावटी भक्ति से भगवान कभी भी प्रसन्न नहीं होते हैं।
कुछ लोगों की कुंडली के 9वें भाव में गुरु ग्रह वक्री हो जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस दशा में भी व्यक्ति का पूजा-पाठ से मन भटकता है। कहते हैं कि ऐसा होने पर व्यक्ति का वैवाहिक जीवन भी बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। माना जाता है कि बात-बात में पति-पत्नी के बीच मनमुटाव होने लगता है। इसके साथ ही कुंडली के 9वें भाव में वक्री शनि भी पूजा में परेशानियां खड़ी करता है। कहते हैं कि ये लोग पारिवारिक समस्या से घिर जाते हैं जिससे पूजा में मन नहीं लगता।