मानसून ने भारत के कई हिस्सों में दस्तक दे दी है। भारत के कई राज्यों में खूब बारिश हो रही है। दूसरी तरफ अभी भी कुछ राज्य बारिश का इंतजार कर रहे हैं। इन सबके बीच क्या आप जानते हैं कि बारिश का आपकी कुंडली के ग्रहों से गहरा कनेक्शन है। जी हां, ज्योतिष शास्त्र में बारिश के पानी से जुड़े कई ऐसे उपाय बताए गए हैं जिनसे कुंडली में ग्रहों की दशा ठीक की जा सकती है। कहते हैं कि इन उपायों को करने से ग्रहदोष दूर किए जा सकते हैं। और ग्रहों को सही स्थिति में लाकर उनसे लाभ लिया जा सकता है। आज हम इसी बारे में विस्तार से बात करने वाले हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पानी का संबंध चंद्रमा और सूर्य ग्रह से है। ऐसे में पानी(बारिश के पानी) के सही इस्तेमाल से कुंडली में इनकी दशा ठीक की जा सकती है। पानी का संबंध शुक्र ग्रह से भी बताया गया है। माना जाता है कि बृहस्पति जीवन और सुख का कारक है। ऐसे में जीवन में सुख-शांति के लिए बृहस्तपति का सही दशा में होना जरूरी है। कहते हैं कि बारिश का पानी शीशे में भरकर रखना चाहिए। इससे बृहस्पति के मजबूत होने की मान्यता है।

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो कुंडली के 10वें और 12वें भाव में चंद्रमा का होना शुभ नहीं माना गया है। कहते हैं कि ऐसे लोगों को अपने घर पर 10 साल के लिए बारिश का पानी बोतल में भरकर रखना चाहिए। इससे कुंडली में चंद्रमा की दशा मजबूत रहने की मान्यता है। मालूम हो कि ज्योतिष में बारिश के पानी में भीगने को शुभ बताया गया है। कहा जाता है कि जो लोग काफी शीघ्र तनाव में आ जाते हैं, उन्हें बारिश में जरूर भीगना चाहिए। इससे कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होने की मान्यता है। ध्यान रहे कि पहली बारिश में भीगने के लिए मना किया गया है।