रत्न विज्ञान में शुक्र मणि को शुक्र देव का रत्न बताया गया है। इसे धारण करने से मनुष्य पर शुक्र ग्रह की कृपा दृष्टि बढ़ती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। शुक्र मणि प्रभावशाली रत्नों में से एक है। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को दांपत्य जीवन, भोग- विलास, रूप सौंदर्य, आकर्षण और सांसारिक सुखों का कारक माना गया है। मान्यता है कि अगर मनुष्य की कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति सकारात्मक है तो उसका वैवाहिक जीवन खुशहाल व्यतीत होता है। वहीं अगर शुक्र ग्रह की स्थिति नकारात्मक है तो मनुष्य को दांपत्य जीवन में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
मान्यता है कि अगर मनुष्य शुक्र मणि को धारण कर ले तो वह काफी हद तक वैवाहिक जीवन में उत्पन्न परेशानियों से निजात पा सकता है। साथ ही शुक्र मणि को पहनने से घर में सुख शांति का वास होता है। धन से जुड़ी हुई समस्या भी जल्द ही समाप्त हो जाती है। आइए जानते हैं शुक्र मणि धारण और अभिमंत्रित करने की विधि।
जानिए कहां से प्राप्त होती है शुक्र मणि
आपको बता दें कि असली शुक्र मणि समुंद्र की गहराइयों में पायी जाती है, जिसे मछलियां जीव समझकर खा लेती है और उनके पेट में ही रह जाती है। वहीं जब मछुआरे मछलियां पकड़ते है तो मछलियों के पेट से शुक्रमणि प्राप्त होती है। लेकिन यह एक मछली के पेट से 1 ही शुक्र मणि प्राप्त होती है लेकिन यह डायमंड और ओपल से काफी सस्ती बाजार में मिल जाती है। (यह भी पढ़ें)- पान के ये असरदार उपाय आर्थिक तंगी को कर सकते हैं दूर, आप भी आजमाकर देखें
कब और किस दिन धारण करें शुक्र मणि
शुक्रवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद मंदिर के सामने बैठकर शुक्र मणि को एक नए तांबे के बर्तन में रखें और गंगाजल डालकर शुक्र मणि को शुद्ध कर लें। इसके बाद शुक्र ग्रह के मंत्र ऊं शुक्राय नमः का 108 बार जप करें और धूप दिखाकर शुक्र मणि को लॉकेट में धारण कर लें।
शुक्र मणि को किस धातु में करनी चाहिए धारण
शुक्र मणि को चांदी की धातु में सबसे शुभ माना जाता है। आप चाहें तो इसे सोना, पंचधातु, अष्टधातु में भी धारण कर सकते हैं।
शुक्र मणि नोट- यदि आपकी याददाश्त कमजोर है या क्रिएटिव सोचने में दिक्कत होती है तो शुक्र मणि आपके दिमाग के बंद ताले को खोलकर आपकी मानसिक और बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है।