Dhanteras Puja Muhurat, Time 2018: इस वर्ष धनत्रयोदशी का पर्व आकाश मण्डल के तेरहवें नक्षत्र हस्त के साये तले मनाया जाएगा। हस्त नक्षत्र के स्वामी मन और धन के स्वामी चंद्रमा हैं। लिहाजा इस वर्ष का धनतेरस का पर्व सुख, समृद्धि और आनंद लेकर आ रहा है। रात्रि 22 बजकर 11 मिनट तक विश्वकुंभ योग रहेगा। उसके पश्चात् प्रीति योग घटित होगा। विश्वकुम्भ और प्रीति योग में पूजन, जहां आर्थिक स्थिति के लिए आशातीत परिणाम प्रदायक होगा, वहीं प्रीति योग में पूजन सफलता, प्रेम और विकास के साथ आध्यात्मिक उन्नति साक्षी बनेगा।

धनत्रयोदशी का आरम्भ 5 नवम्बर, 2018 को मध्यरात्रि 1 बजकर 24 मिनट पर होगा जो रात्रि 23.46 पर्यन्त रहेगा। राहु काल प्रातः 7.30 से 9.00 बजे लगभग तक रहेगा। धनतेरस पर वृषभ लग्न कुबेर और लक्ष्मी का पूजन श्रेयस्कर होगा। भगवान धनवंतरी को हिंदू धर्म में देव वैद्य का पद हासिल है। लिहाजा, उत्तम स्वास्थ्य के लिए धनवंतरी पूजन अमृतम चौघड़िया, लाभ चौघड़िया, धनु लग्न या कुंभ लग्न में करना चाहिए।

सूर्यास्त के पश्चात अकाल मृत्यु से बचने के लिए घर के मुख्य द्वार पर बाहर की ओर 4 बातियों का दीपदान यानि दीप का प्रज्जवलन करना चाहिए। रात्रि में इस दिन आरोग्य के लिए भगवान धनवंतरी तथा समृद्धि के लिए कुबेर के साथ लक्ष्मी गणेश का पूजन करके भगवती लक्ष्मी को नैवेद्य में धनिया, गुड़ व धान का लावा अवश्य अर्पित करना चाहिए। रात्रि में ध्यान में प्रविष्ट होकर भजन के द्वारा यानि बाह्य कर्ण बंद कर आत्मा के कानों से ब्रम्हाण्डिय ध्वनियों के श्रवण का अभ्यास आंतरिक व मानसिक बल प्रदान करेगा।

लक्ष्मी सदैव हिसाब किताब यानी बही खाते में निवास करती हैं। धन त्रयोदशी पर बही खाता यानी पुस्तक खरीदने और उसके पूजन का विशेष महत्व है। बही खाता, चोपड़ा यानी खाता लिखने वाली पुस्तक का क्रय शुभ-चौघड़िया में ही करना चाहिए। धनतेरस पर रजत यानि चांदी खरीदना सौभाग्य कारक माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन खरीदे हुए रजत में नौ गुने की वृद्धि हो जाती है। चांदी के अभाव में ताम्र या अन्य धातुओं का क्रय किया जा सकता है।

सोना-चांदी और अन्य धातु वृष लग्न में खरीदना चाहिए। कार या बाइक शुभ चौघड़िया, कुंभ लग्न, चर-चौघड़िया या वृषभ-लग्न में क्रय किया जा सकता है। मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, शुभ-चौघड़िया, उद्वेग-चौघड़िया और कुंभ लग्न में घर लाना शुभ है। म्यूचूअल फंड और शेयर शुभ चौघड़िया, लाभ चौघड़िया और कुम्भ लग्न में क्रय करना चाहिए। इस दिन हथियार, विस्फोटक सामग्री या अनावश्यक वस्तुएं कदापि नहीं खरीदनी चाहिए।

शुभ चौघड़िया- सुबह 09.23 से 10.47 तक।
धनु लग्न- सुबह 10.34 से 12.40 तक।
लाभ चौघड़िया- दोपहर 02.58 से 04.22 तक।
उद्वेग चौघड़िया- दोपहर 12.10 से 01.34 तक।
कुंभ लग्न- दोपहर 02.27 से 04.01 तक।
चर चौघड़िया- दोपहर 01.34 से 02.58 तक।
अमृत चौघड़िया- शाम 04.22 से 05.45 तक।
वृषभ लग्न- रात्रि 07.14 से 09.14 तक।

(अपने शहर की चौघड़िया के लिए कृपया स्थानीय पंचांग देखें।)