Pitra Dosh: वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कुछ शुभ योग ऐसे होते हैं, जो मनुष्य को राज सत्ता तक ले जाते हैं। वहीं कुछ अशुभ योग ऐसे विद्यमान होते हैं, जो मनुष्य को जिंदगी भर संघर्ष करवाते हैं और मेहनत के बावजूद भी सफलता हाथ नहीं लगती है। साथ ही भाग्य भी साथ नहीं देता है। यहा हम बात करने जा रहे हैं पितृ दोष के बारे में। कुंडली में इस दोष के कारण परिवार में अशांति, वंशवृद्धि में रुकावट, आकस्मिक बीमारी, संकट, धन में बरकत न होना, सारी सुख-सुविधाएं होते हुए भी मन असंतुष्ट रहना आदि हो सकता है। आइए जानते हैं इसके कारण और निवारण…

ऐसे होता है कुंडली में पितृ दोष का निर्माण:

  • अगर कुंडली में राहु ग्रह अगर केंद्र स्थानों या त्रिकोण में हो और उनकी राशि नीच यानि की नकारात्मक स्थित हों तो पितृ दोष का निर्माण होता है।
  • अगर राहु का सम्बन्ध कुंडली में सूर्य और चंद्र ग्रह से हो, तो ऐसी कुंडली में पितृ दोष का निर्माण होता है। 
  • वहीं  अगर कुंडली में राहु का सम्बन्ध शनि या बृहस्पति से हो, तो भी कुंडली में पितृ दोष का निर्माण होता है।
  • राहु अगर द्वितीय या अष्टम भाव में हो तो भी ऐसी कुंडली में पितृ दोष का निर्माण होता है।

इस वजह से होता पितृदोष: 

  • पितरों का विधिवत अंतिम संस्कार और श्राद्ध न होना। जिस वजह से पितृ नाराज हो जाते हैं और पितृ फिर आशीर्वाद की जगह श्राप दे देते हैं।
  • पितरों की विस्‍मृति या अपमान करना।
  • धर्म के विरुद्ध आचरण करना।
  • पीपल, नीम और बरगद के पेड़ को कटवाना।
  • किसी नाग को मारना या मरवाना

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इन उपायों को करने से पितृदोष से मिल सकती है मुक्ति:

  • घर में हर अमावस्या को श्रीमद्भागवत के गजेंद्र मोक्ष अध्याय का पाठ करें।
  • हर चतुर्दशी (अमावस्या और पूर्णिमा के एक दिन पहले) को पीपल पर दूध चढ़ाएं और भगवान विष्णु से प्रार्थना करें।
  • सवा किलो चावल लाकर रोज अपने ऊपर से एक मुट्ठी चावल सात बार उतारकर पीपल की जड़ में डाल दें। ऐसा लगातार 41 दिन करें।
  • कुंडली में पितृ दोष बन रहा हो, तब जातक को घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर और उसपर हार चढ़ाकर रोज़ाना उनकी पूजा स्तुति करनी चाहिए। उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
  • अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं। भोजन में मृतात्मा की कम से कम एक पसंद की वस्तु अवश्य बनाएं। जिससे वह प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
  • काले कुत्ते को उड़द के आटे से बने बड़े हर शनिवार को खिलाएं। ऐसा करने से शनि, राहु- केतु तीनों ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव खत्म होगा।
  • घर के आसपास पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल चढ़ाएं। इसके साथ ही पुष्प, अक्षत, दूध, गंगा जल और काले तिल भी अर्पित करें। हाथ जोड़कर पूर्वजों से अपनी गलतियों के लिए क्षमा-याचना करें और उनसे आशीर्वाद मांगें।
  • साथ ही हर साल पड़ने वाली पितृ अमावस्या पर या जिस तिथि पर पूर्वज की मृत्यु हुई है उस तिथि पर पितृ दोष शांति विधिवत करानी चाहिए। (यह भी पढ़ें)- व्यापार के दाता बुध देव गुरु की राशि में करेंगे प्रवेश, इन 3 राशि वालों की धन- दौलत में बढ़ोतरी के आसार