Manik Stone: वैदिक ज्योतिष अनुसार हर ग्रह का एक प्रतिनिधि रत्न होता है। जिसको धारण करने से उस रत्न से संबंधित अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। साथ ही रत्न को धाऱण करने से ग्रह के शुभ प्रभाव को भी बढ़ाया जा सकता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं माणिक्य रत्न के बारे में, जिसका संबंध ग्रहों के राजा सूर्य से माना जाता है। इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति को मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। साथ ही राजनीति में सफलता मिलती है। आइए जानते हैं माणिक्य रत्न धाऱण करने के लाभ और पहनने की विधि…
माणिक्य इन राशियों के होता है शुभ
- ज्योतिष मुताबिक मेष, सिंह और धनु लग्न के लोग माणिक्य पहन सकते हैं।
- वहीं कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न के लोग भी जन्मपत्री दिखाकर माणिक्य धारण कर सकते हैं।
- अगर किसी व्यक्ति को ह्रदय और नेत्र रोग हैं तो भी वह माणिक्य पहन सकता है।
- अगर किसी व्यक्ति की कुंडली के धन स्थान, दशम भाव, नवम स्थान, पंचम भाव, एकादश भाव में सूर्य उच्च के स्थित हैं तो भी माणिक्य धारण कर सकते हैं।
- साथ ही कुंडली में अगर सूर्य देव कमजोर विराजमान हों तो भी माणिक्य पहन सकते हैं।
- वहीं माणिक्य के साथ नीलम, गोमेद और लहसुनिया धारण नहीं करना चाहिए।
माणिक्य धारण करने के लाभ
माणिक्य धारण करने से व्यक्ति को समाज में मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। साथ ही करियर और कारोबार में सफलता के योग बनते हैं। वहीं अगर आप राजनीति से जुड़े हुए हैं तो आप अपनी कुंडली का विश्लेषण कराकर माणिक्य धारण कर सकते हैं। वहीं जो लोग सरकारी काम से जुड़े हुए हैं वो लोग माणिक्य धारण कर सकते हैं। माणिक्य धारण करने कम्यूनिकेशन में सुधार होता है। साथ ही व्यक्ति की तर्कक्ति में निखार होता है।
इस विधि से धारण करें माणिक्य
माणिक्य सबसे अच्छा वर्मा देश का आता है। वहीं किसी भी व्यक्ति को कम से कम सवा 7 से सवा 8 रत्ती का माणिक्य पहनना चाहिए। वहीं तांबा या सोने के धातु में माणिक्य को धारण करना सबसे शुभ माना जाता है। वहीं माणिक्य को अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए। साथ ही अंगूठी को पहले गंगाजल और गाय के दूध से शुद्ध करनी चाहिए। उसके बाद अंगूठी को पहनना चाहिए। साथ ही माणिक्य धारण करने के बाद सूर्य से संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए।