हिंदू धर्म में नवरात्र की तरह ही गुप्त नवरात्र का भी काफी महत्व है। आम नवरात्रि की ही तरह गुप्त नवरात्रि में भी माता की पूजा की जाती है। इस दौरान भी बड़ी ही श्रद्धाभाव के साथ व्रत रखा जाता है। तांत्रिक सिद्धियों के लिए गुप्त नवरात्र को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। गुप्त नवरात्र के दौरान मां भगवती के गुप्त स्वरूप यानी कि काली माता की आराधना की जाती है। कहते हैं कि यह आराधना भी गुप्त रूप से ही होती है। बता दें कि आषाढ़ महीने की प्रतिपदा तिथि यानी कि 13 जुलाई 2018 से गुप्त नवरात्रि शुरू होने जा रही है। इस तरह से गुप्त नवरात्रि इस बार 13 जुलाई से 21 जुलाई तक चलेगी।
मालूम हो कि नवरात्रि की ही तरह गुप्त नवरात्रि में भी कुछ खास बातों का ध्यान रखने के लिए कहा गया है। ऐसा कहा जाता है कि नौ दिन तक व्रत रखने वाले साधक को काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। कहते हैं कि इस दौरान जो लोग काली माता की पूजा करते हैं, उन्हें चमड़े की चीजों से दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही गुप्त नवरात्रि के दौरान बाल कटाने के लिए भी मना किया गया है। इसके अलावा इस दौरान बच्चों का मुंडन संस्कार कराने की भी इजाजत नहीं है। वे लोग जो गुप्त नवरात्रि के दौरान व्रत या अनुष्ठान करते हैं, उन्हें दिन में सोने के लिए मना किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गुप्त नवरात्र आषाढ़ और माघ महीने के शुक्ल पक्ष में मनाए जाते हैं। गुप्त नवरात्रि मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है। बता दें कि गुप्त नवरात्र के दौरान पूजा मुख्यतया तंत्र साधना के लिए की जाती है। इस पूजा को बहुत ही कठिन माना जाता है। गुप्त नवरात्र के दौरान लंबी-लंबी साधनाएं की जाती हैं। इसके साथ ही उन बातों का खास तौर पर ध्यान रखा जाता है जिन्हें गुप्त नवरात्र में करने के लिए मना किया गया है।